मधुमक्खी (Honeybee), ततैया (Wasp) ऐसे कीड़े हैं जिसका दंश लगभग हर मनुष्य ने झेला है. शब्दों को पढ़ते ही पुराना दर्द याद आ जायेगा. इनके डंक मारने से सूजन, भयंकर दर्द होता है.

मधुमक्खी इंसानों को डंक मारकर दर्द पहुंचाने के बाद, ख़ुद ही मर जाती है. कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? क्या इंसानों में ज़हर होता है या कोई मधुमक्खी नाशक, ततैया नाशक केमिकल (Chemical)?

कब मारते हैं डंक?
Earth Sky के एक लेख के अनुसार, मधुमक्खियां तभी डंक मारती हैं जब उनके छत्ते को ख़तरा होता है. यूं ही उड़कर डंक नहीं मारती मधुमक्खी, अगर उस पर आप चढ़ जायें या उसे ज़बरदस्ती मारने की कोशिश करें तो वो आत्मरक्षा करते हुए डंक मार सकती हैं. मधुमक्खी का डंक (Stinger) दो Barbed Lancets से बना होता है. मधुमक्खी के डंक मारने के बाद वो अपना डंक बाहर नहीं खींच सकती है. डंक के साथ ही वो अपने पाचन नली (Digestive Tract) का कुछ हिस्सा, मांशपेशियां (Muscles) और नसें (Nerves) भी छोड़ जाती हैं. और इस वजह से ही उसकी मौत हो जाती है.

ततैया की मौत नहीं होती
बहुत लोगों का मानना है कि ततैया (Wasps) इंसान को डंक मारने के बाद मर जाती हैं. BBC के लेख के अनुसार, ततैया कई बार आपको डंक मार सकती है. यही नहीं, अगर आप किसी ततैया को तंग करते हैं तो इसके पूरे आसार हैं कि वो झुंड लेकर आये, आप पर हमला करने के लिये! वैज्ञानिकों की हिदायत यही है कि ततैया दिखे तो शांति से वहां से निकल लें और उसे मारने की कोशिश न करें.

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