हर इंसान की अपनी एक पर्सनैलिटी होती है. कोई कम बोलता है, तो कोई बोल-बोलकर आपको पका देता है. आज बात करेंगे कम बोलने वालों की. कम बोलने वाले यानी अंतर्मुखी लोग भले ही कम बोलते हों, लेकिन किसी भी यात्रा का इन्हें सबसे अधिक लाभ मिलता है. मतलब ऐसे लोग कहीं भी जाएं, वो औरों के मुक़ाबले उस यात्रा से बहुत अधिक सीख कर आते हैं. ऐसा क्यों, इसका जवाब आपको नीचे दिए हुए अंतर्मुखी लोगों की ये ख़ासियतों के बारे में पढ़कर मिल जाएगा. 

1. टाइम 

संकोची या कम बोलने वाले लोग किसी भी जगह को पूरी तरह समझने के लिए पूरा समय देते हैं. वो किताब पढ़ते हुए या फिर संगीत सुनते हुए भी किसी जगह पर घूम सकते हैं. इस तरह वो किसी पर्टिकुलर जगह को पूरा वक़्त देते हैं और वो उस जगह के बारे में दूसरों से अधिक जानकारी लेकर आते हैं. 

2. आत्मनिर्भरता 

Travelling करते हुए आपको बहुत से अंजान लोग मिलते हैं. इसलिए आपको ज़्यादतर समय ख़ुद पर ही निर्भर रहना होता है. इसलिए कहा जा सकता है कि अंतर्मुखी लोग अच्छे ट्रैवलर होते हैं, क्योंकि उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पसंद नहीं होता.

3. बोलते कम सुनते ज़्यादा हैं 

Introverts बोलते कम सुनते ज़्यादा हैं. यात्रा के दौरान भी आपको कई ऐसे लोग मिलते हैं, जो अपनी कहानी लोगों को सुनाने को आतुर रहते हैं. ऐसे में अंतर्मुखी लोग उनकी बातें सुनकर उनके दोस्त बन जाते हैं. उनसे बहुत कुछ सीखते हैं और इस तरह कुछ नया सीखकर आते हैं. इसीलिए ये लोग अधिक क्रिएटिव भी होते हैं.

4. ज्ञान 

यात्रा करना मतलब अपने ज्ञान को और बढ़ाना. इस काम में Introverts से बेहतर कोई नहीं. ये जहां भी जाते हैं, तो वहां के कल्चर आदि को परख कर उसे अपनी ज़िंदगी में आत्मसात करने की भी कोशिश करते हैं. वो परिस्थिति के हिसाब से ख़ुद को ढाल भी लेते हैं. वो किसी चीज़ के हर पहलू पर गौर करने के लिए जाने जाते हैं.  

5.छुट्टियों का पूरा आनंद उठाते हैं 

संकोची लोग सिर्फ़ चलते ही नहीं जाते, वो किसी स्थान पर रुक कर उस जगह का पूरा आनंद उठाने में विश्वास रखते हैं, फिर चाहे बात प्रकृति की गोद में ठहरकर कुछ पल बिताने की हो या फिर उसकी विविधिता को गौर से देखने की.

6. ख़ुद को चुनौती देना 

ऐसे लोग ज़िंदगी को करीब से जानने के लिए अकेले ही किसी यात्रा पर निकल जाते हैं. इन्हें ख़ुद को चुनौती देना पसंद होता है. ख़ुद को अच्छी तरह से समझने के लिए इससे बेहतर कोई टास्क नहीं हो सकता. 

7. बन जाते हैं बहिर्मुखी 

किसी भी जगह के बारे में जानकर, उससे जुड़े अपने विचार और अनुभव अंतर्मुखी लोग दुसरों को बताने के लिए एक्साइटेड रहते हैं. ख़ासकर तब जब सामने वाला उस जगह के बारे में कम जानता हो. ऐसे मौकों पर उन्हें बहिर्मुखी होना पसंद आता है. 

8. दूसरों को देते हैं पूरा स्पेस

संकोची लोग दूसरों को अपनी बात कहने का मौका देते हैं. वो दुसरों के विचारों को उतनी ही अहमियत देते हैं, जितनी कि अपने विचारों को. इस तरह वो ट्रैवलिंग के दौरान लोगों से किसी जगह के बारे में अच्छे से जान लेते हैं. 

9. विदेशी माहौल 

अंतर्मुखी लोग दूर बैठकर चीज़ों को परखते हैं. इस तरह वो विदेशी संस्कृति में भी ख़ुद को अच्छे से ढाल लेते हैं. 

10. शांत रहना 

समय पर टैक्सी न मिले या फिर फ़्लाइट मिस हो जाए. कैसी भी सिचुएशन हो ये हमेशा शांत रहते हैं. इस तरह वो हर मुश्किल का हल भी तलाश लेते हैं. यात्रा के दौरान भी ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. इन्हें संकोची लोग आसानी से हैंडल कर लेते हैं.  

क्यों है न अंतर्मुखी लोग सबसे बेस्ट ट्रैवलर?