एक समय था जब रसोई घर में ही या रसोई घर से थोड़ी दूरी पर ज़मीन पर आसन, चटाई, मचिया आदि पर बैठकर खाना खाते थे. आलथी-पालथी लगाकर, खाना खाने से पहले प्रार्थना की जाती है. यूं समझ लीजिए ‘पेट पूजा’ का रियल वर्ज़न (Real Version) देखने को मिलता था. आजकल के हर भारतीय घर में डायनिंग स्पेस (Dining Space) होता है जिसमें लकड़ी के सुंदर डाइनिंग टेबल (Dining Table) और कुर्सियां होती हैं. बैचलर्स (Bachelors) तो बिस्तर पर ही बैठकर खा-पी लेते हैं. आज भी कई घरों में ज़मीन पर बैठकर खाना खाने का ही रिवाज़ है न कि टीवी के सामने बैठकर पसर कर खाने का.
ये भी पढ़िए- Uncool नहीं है हाथ से खाना. धीरे-धीरे दुनिया सीख रही है और इस आदत को अपना भी रही है
सिर्फ़ भारतीय ही नहीं, जापानी भी ज़मीन पर बैठकर भोजन करते हैं, फ़िल्मों में तो देखा ही होगा.
आख़िर इसके पीछे की वजह क्या है?
एक लेख की मानें तो जब आप ज़मीन पर आलथी-पालथी लगाकर बैठते हैं तो ये ‘सुखासन’ कहलाता है. ‘पद्मासन’ के बेहद क़रीब है ये आसन. योगा के बारे में ज़रा भी जानकारी न रखने वाले को भी ये पता होगा कि ‘पद्मासन’ में ही बुद्ध बैठते थे और इस आसान में बैठने के अभ्यास को ही बहुत से लोग Meditation की पहली सीढ़ी भी कहते हैं.
नीचे बैठकर खाने के कुछ फ़ायदे भी जान लेते हैं-
1. Digestion में मददगार
गुरुद्वारा का लंगर हो या मंदिर के भंडारे हर जगह लोगों को नीचे बैठाकर ही भोजन परोसा जाता है. जब आप नीचे बैठकर खाते हैं तो आप खाना उठाने के लिये आगे की तरफ़ झुकते हैं और फिर नैचुरल पॉज़िशन (Natural Position) में आ जाते हैं. नीचे बैठने से बॉडी हमेशा मोशन (Motion) में रहती है. इससे Digestive Organs को को Digestive Juices रिलीज़ करने में भी मदद मिलती है और इस तरह जो हम खाते हैं वो भी अच्छे से पचता है.
2. शरीर का Posture होता है सही
लैपटॉप पर काम करने कि वजह से आजकल ज़्यादातर लोगों के शरीर का Posture Dull हो गया है. इस वजह से कमर दर्द, पीठ दर्द आदि जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं. पहले के ज़मान में ऐसी शिकायतें कम ही देखने को मिलती थी. ज़मीन पर बैठकर खाने से या ज़मीन पर बैठने से आपकी बॉडी पॉस्चर सही होता है. Bad Posture की वजह से होने वाले बॉडी पेन (Body Pain) से भी निजात मिल सकती है.
3. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है
हमारे शरीर की Functioning तभी सही होगी जब हमारा ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा. ख़ून के ज़रिये ही ऑक्सिजन और अन्य ज़रूरी न्युट्रीएन्ट्स हमारे शरीर के विभिन्न ऑर्गन्स तक पहुंचते हैं.
4. शरीर स्ट्रॉन्ग और फ़्लेक्सिबल बनता है
जब आप नीचे बैठते हैं तो Lower Back. Pelvis, पेट के आस-पास के और Lower Abdomen, Upper Abdomen की मांसपेशियां (Muscles) खिंचते हैं और इससे बॉडी पैन होने के आसार कम हो जाते हैं.
5. नम्रता बढ़ती है
भिक्षुओं, साधुओं को देखा है, नीचे बैठकर ही तपस्या, साधना आदि करते हैं. वो कुर्सी पर बैठकर ध्यान नहीं लगाते. नीचे बैठकर खाने से परिवार के साथ संबंध तो अच्छे होते ही हैं साथ ही आपमें नम्रता भी बढ़ती है.
पेशकश कैसी लगी, कमेंट बॉक्सम में बताइए