Facts About Plug Pin: मोबाइल फ़ोन्स, लैपटॉप और कई आधुनिक इलेक्ट्रिक आइटम्स तो आज के समय में हर घर में हैं. समय-समय पर इन आइटम्स को अपडेट भी किया जाता है जिससे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है. इसलिए डिजिटल के ज़माने में हर चीज़ मशीनों से होने लगी है फिर वो रोटी बनाना हो या कपड़े धोना. इन सब कामों को करने के दौरान कभी आपने अपने इलेक्ट्रिक आइटम्स के प्लग को देखा है या मोबाइल के चार्जर प्लग को देखा है. इसमें किसी में किसी में दो तो किसी में तीन पिन होती है.

Facts About Plug Pin
Image Source: ehowcdn

नोटिस न किया हो, ये तो हो नहीं सकता क्योंकि ये इलेक्ट्रिक आइटम्स हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा जो बन गए हैं. ये ज़रूर हो सकता है कि, कभी इतना सोचा नहीं हो कि ऐसा क्यों होता है तो भारत में प्लग की पिन (Charger And Plug Pin) इलेक्ट्रिकल आइटम्स के टाइप और भारतीय मानक ब्यूरो (The Bureau of Indian Standards(BIS) सुरक्षा नियमों के आधार पर निर्धारित की जाती है.

Facts About Plug Pin
Image Source: worldstandards

ये भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं की-बोर्ड में ‘F’ और ‘J’ पर Dash क्यों बना होता है?

दरअसल, छोटे इलेक्ट्रिक आइटम्स के लिए दो पिन और बड़े इलेक्ट्रिक आइटम्स के लिए तीन पिन का इस्तेमाल होता है. जैसे मोबाइल फ़ोन, कैमरे, स्पीकर, चाइना लाइट्स आदि के लिए दो पिन वाले प्लग का इस्तेमाल होता है. इन्हें Euro Plug कहा जाता है और इनका व्यास 4.0 मिमी होता है, जिसमें 19 MM का सेंटर स्पेस होता है.

Facts About Plug Pin
Image Source: ebayimg

वैसे ही, तीन पिन प्लग आमतौर पर भारी उपकरण जैसे, प्रेस, फ़्रिज, एयर कंडीशनर और वॉशिंग मशीन के लिए इस्तेमाल होता है. इसके लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड के सॉकेट में तीन छेद होते हैं, जिसे बाएं को ‘Neutral’, दाएं को ‘Hot’ और तीसरे नीचे के छेद को ‘Ground’ कहते हैं. इसकी लंबी, मोटी और गोल पिन को इलेक्ट्रिकल बोर्ड में ग्राउंडिंग स्लॉट (Grounding Slot) में फ़िट किया जाता है, जिसे अर्थ पिन (Earth Pin) कहते हैं. प्लग में अर्थ पिन होने से कोई भी शार्ट सर्किट या बिजली का बड़ी ख़राबी से नुकसान होने की बजाय पृथ्वी पर चली जाती है, जिससे आग लगने का ख़तरा नहीं होता है.

Facts About Plug Pin
Image Source: howtolookatahouse

ये भी पढ़ें: Computer Mouse का नाम ‘माउस’ कैसे पड़ा, जानिये इससे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फ़ैक्ट्स

BIS के सख़्त नियमों के अनुसार,

सभी भारी इलेक्ट्रिक आइटम्स में, जो 5 एम्पीयर से अधिक बिजली की खपत करते हैं उनमें तीन-पिन प्लग होने और अर्थ से एक पिन का जुड़ा होना अनिवार्य है.

Facts About Plug Pin
Image Source: ukbelectronics

आपको बता दें, भारत देश में आज़ादी से पहले ब्रिटिश स्टाइल के अप्लाइंसेज़ तो उनमें तीन-पिन का इस्तेमाल होता था, लेकिन जब आज़ादी मिली तो भारत के छोटे-छोटे गांवों में भी धीरे-धीरे इलेक्ट्रिसिटी का प्रसार किया गया, जिसके लिए 2 पिन प्लग का आविष्कार हुआ क्योंकि इन जगहों पर ज़्यादा बड़े इलेक्ट्रिक आइटम्स का इस्तेमाल नहीं होता है, जिससे 2 पिन प्लग इन क्षेत्रों के लिए काफ़ी होता है.