इनर पहन लिया, टी-शर्ट पहन ली, एक स्वेटशर्ट डाल लिया, एक फु़ल स्वेटर डाल दिया, एक जैकेट पहन लिया, गले में डाल लिया मफ़लर, सिर पर टोपी, दस्ताने भी लगा लिये. फिर भी ठंड है की जाती ही नहीं.
अगर इन शब्दों से आप ख़ुद को जुड़ा महसूस कर रहे हैं तो आपके दिमाग़ का क्युरियोसिटी वाला कीड़ा भी फड़फड़ा रहा होगा कि भाई ऐसा क्या जुर्म किया था जो इतनी ठंड मुझे ही लगती है.
मज़ाक की बात नहीं है, जिसे ज़्यादा ठंड लगती है वही इसका दर्द समझ सकता है.
हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ख़राब स्वास्थ्य के कारण कुछ लोगों को ज़्यादा ठंड लगती है. एनिमिया, कुपोषण, इंफ़ेक्शन, ओवरवेट या अंडरवेट होना आदि ज़्यादा ठंड या ज़्यादा गर्मी लगने के कारण हो सकते हैं.
1. जेनेटिक्स- माता-पिता, उनके माता-पिता और उनके माता-पिता के जीन्स की वजह से भी आप अधिक ठंड महसूस कर सकते हैं.
2. टॉलरेंस- कुछ लोग ठंड के प्रति ख़ुद को टॉलरेंट बनाते हैं. जैसे-सर्दियों में भी ठंडे पानी से नहाकर.
3. हॉर्मोन्स- हो सकता है आपका शरीर सही मात्रा में कुछ हॉर्मोन्स नहीं बना रहा हो.
4. मेटाबॉलिज़्म- आपके शरीर का मेटाबॉलिज़्म आपके शरीर के ब्लड फ़्लो को रेगुलेट करता है. स्लो मेटाबॉलिज़्म यानी की आपके शरीर का ब्लड सरकुलेशन ठीक नहीं है और आपके शरीर को ज़्यादा ठंड लग सकती है.
5. स्ट्रेस- एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ज़्यादा ठंड या ज़्यादा गर्मी लगने की वजह स्ट्रेस भी हो सकती है. लड़ाई-झगड़े, काम का प्रेशर से लोगों को स्ट्रेस होता है और सामान्य तापमान में भी ज़्यादा गर्मी या ठंड लग सकती है.
समय-समय पर डॉक्टर के पास जायें. दुनिया में कुछ आपका हो या न हो आपका शरीर आपका अपना है. ज़्यादातर लोग बीमार पड़ने के बाद ही डॉक्टर के पास जाते हैं पर रेगुलर शरीर की जांच बहुत ज़रूरी है.
इसके अलावा आप अपने शरीर को जैसी आदत डलवायेंगे ये वैसा ही बनता जायेगा. खाने-पीने में बदलाव, कपड़ों में बदलाव लाकर भी शरीर को अधिक ठंड लगने से बचाया जा सकता है. कुछ ख़ास खाने की चीज़ें सर्दियों और गर्मियों में शरीर का तापमान ठीक रखने में मदद कर सकती हैं. जैसे सर्दियों में सूप पीने से, कार्ब्स लेने से गर्मियों में हरी सब्ज़ियां खाकर शरीर का तापमान ठीक रह सकता है.