‘5 मिनट वर्कआउट किया नहीं कि पसीने से तरबतर’

’50 मिनट वर्काउट करने के बावजूद पसीने की सिर्फ़ 2 बूंद.’

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक जो पसीने आने से परेशान रहते हैं और दूसरे जिन्हें पसीने बिल्कुल नहीं आते. 

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तो आख़िर क्यों कुछ लोगों को ज़्यादा स्वेटिंग होती है और कुछ लोगों को बिल्कुल नहीं?


एक रिपोर्ट के मुताबिक़, हमारे शरीर में 2-4 मिलियन स्वेट ग्लैंड्स होते हैं जिनका काम होता है शरीर के टेम्प्रेचर को नियंत्रित रखना, जब शरीर का तापमान बढ़ता है तो ये ग्लैंड्स स्वेट रिलीज़ करके बॉडी की कूलिंग करते हैं.  

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक़, सभी इंसानों को ज़्यादा पसीना नहीं आता, हर इंसान की अलग सीमा होती है जिसके बाद स्वेटिंग होती है. पुरुषों को महिलाओं के मुक़ाबले ज़्यादा पसीना आता है. हमें कितना पसीना आयेगा ये हमारे DNA पर भी निर्भर करता है. फ़ैट से बॉडी में हीट जमा होती है यानी जिन लोगों का वज़न ज़्यादा है उन्हें ज़्यादा स्वेटिंग होती है. 


जो लोग फ़िट होते हैं उन्हें वर्कआउट के दौरान जल्दी ही पसीना आता है. एथलिट्स का शरीर ज़्यादा बेहतर तरीके से स्वेट रिलीज़ करता है. 

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ज़्यादा पसीने आने को कैसे करें कन्ट्रोल 


अगर आप पसीने से ज़्यादा ही परेशान हैं तो उसे कन्ट्रोल करने के कुछ तरीके हैं. 
* हाइड्रेटेड रहना
* हल्के फ़ैब्रिक के कपड़े पहनना
* कैफ़ीन और मसालेदार खाने से दूरी बनाना
* ऐन्टी-पर्सपीरेंट्स का इस्तेमाल