Why Tikki Chhole Called Ragda Pattice in Mumbai? अपन जैसों ने बचपन से यही सीखा है कि खाना मिले तो चाप दो. मगर कुछ लोगों के अलग ही चुल्ल सवार रहती है, ये लोग खाते कम और डकारते ज़्यादा हैं, वो भी सोशल मीडिया पर. जैसे कि ये साहब, जिन्हें समझ नहीं आया कि छोले-टिक्की को मुंबई में रगड़ा पैटीज़ क्यों बोलते हैं.

wikimedia

कहने लगे, ‘मैं कभी नहीं समझ पाऊंगा कि टिक्की छोले को मुंबई में रगड़ा पैटीज़ क्यों कहा जाता है. इसका कोई सेंस नहीं बनता.’

Why Tikki Chhole Called Ragda Pattice in Mumbai?

बस उनका सवाल ट्विटर पर लैंड हुआ नहीं कि पहले से खलिहर बैठे भसड़बाज़ों की मौज हो गई. कुछ लोग एकदम फ़ूड एक्स्पर्ट बन कर ज्ञान पेलने लगे तो कुछ बस धकापेल गरियाने के मूड में सवाल पर सवार हो गए.

कोई कह रहा है कि छोले और रगड़ा पैटीज़ बिल्कुल अलग-अलग चीज़ें हैं. वहीं, एक अन्य यूज़र ने लिखा, मटर के दाने रगड़ कर मसले जाते हैं इसलिए इसे रगड़ा कहा जाता है. आलू की टिक्की बोलो, पैटीज़ बोलो, सब इलाके के साथ बदलता है. और ये मटर हैं, चना नहीं तो ये छोले नही हैं.

बस इन जनाब का ये कहना कि ये छोले नहीं, मटर हैं. सब लोगों को बकैती पेलने भर का ज्ञान मिल गया और उसके बाद मूल सवाल गया तेल लेने, सब सवाल पूछने वाले का ही बैंड बजाने लगे.

आप ख़ुद देख लीजिए-

बेचारा ट्विटर पर रगड़ा पैटीज़ के बारे में जानने आया था, ट्विटर बाज़ों ने इसे ही रगड़ डाला.

ये भी पढ़ें: मछली खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए, क्या आपको भी बचपन से यही सिखाया गया है?