हर ऑफ़िस में लंच के बाद का सीन सेम ही होता है
कुछ याद आया? लंच लाइट करो या हेवी, नींद आती ही है. उबासियों का दौर चलता है और उंघने की प्रतियोगिता और कॉफ़ी या चाय के बिना गुज़ारा नामुमकिन सा लगता है.
कुछ लोग इस बात की भी क़वायद करते हैं कि खाने में कुछ ऐसे Elements होते हैं जिससे नींद आती है. जैसे- काफ़ी कम मात्रा में Melatonin. वैसे तो Melatonin हमारे नींद की टाइमिंग के लिए ज़रूरी है पर खाने में मौजूद Melatonin का हमारी नींद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
हक़ीक़त में खाने के बाद नींद आने का खाने से कोई ताल्लुक़ नहीं है बल्कि ये लोगों की सोने की प्रवृत्ति पर निर्भर करता है.
* Circadian- ये Alerting Signal का पैटर्न है. ये हमें जगाए रखने के लिए पूरे दिन बढ़ता रहता है और Adenosine के लेवल को Counter करता है. दोपहर के वक़्त इसमें ज़रा सी कमी आती है और इस वजह से आप नींद आने लगती है.
वैसे तो दोपहर की नींद के कई एक्सप्लेनेशन हैं पर कई बार रात में ढंग से नींद न आना भी इसकी वजह होती है.