कभी खाते-खाते…

कभी बैठे-बैठे…
कभी कुछ न करते हुए… आ जाती है हिच… हिच… हिचकी

एक बार आये तो ठीक, दो बार आये तो भी ठीक… पर लगातार आये तो चिड़चिड़ाहट हो जाती है हिचकी से. 


हिचकियों के आने की कोई सूचना नहीं मिलती है और न ही इन्हें ज़बरदस्ती रोका जा सकता है. 

दुनिया में ज़्यादातर लोगों को वक़्त-बेवक़्त हिचकियां आती रहती हैं. हिचकियां न सिर्फ़ असहज कर देती हैं पर कभी-कभी शर्मसार भी कर देती हैं. 

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क्या हैं ये हिचकियां? 


हिचकियां हमारे Lungs के नीचे बने Diaphragm से शुरू होती हैं. आमतौर पर जब हम सांस अंदर खींचते हैं तो Diaphragm नीचे की तरफ़ जाता है और जब सांस छोड़ते हैं तो Diaphragm रिलैक्स्ड हो जाता है. अगर Diaphragm को कुछ Irritate करे तो इससे Spasm हो सकता है जिससे आप हवा अपने Throat में लेने पर मजबूर हो जाते हैं. जब हवा वॉयस बॉक्स पर लगती है तो हिचकी वाली आवाज़ निकलती है. 

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क्यों आती है हिचकी? 


एक रिपोर्ट के मुताबिक़, हिचकियां कई कारणों से आ सकती हैं… कुछ शारीरिक, कुछ भावनात्मक. 

* बहुत ज़्यादा और बहुत जल्दी खा लेना
* नर्वसनेस या एक्साइटमेंट की वजह से
* ज़्यादा दारू या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीना
* स्ट्रेस
* तापमान में हुए अचानक बदलाव
* कैंडी खाते हुए हवा निगल लेना 

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लंबी हिचकियां 


वैस तो हिचकियां कुछ देर के लिए ही आती हैं लेकिन कई बार ये लंबे समय के लिए भी हो सकती हैं. ये Diaphragm से जुड़े Nerves के Damage होने की वजह से हो सकता है. Diaphragm को कई चीज़ें Damage कर सकती हैं, जैसे- Eardrum में बाल चले जाना, ख़राश, गले में ट्यूमर, सिस्ट आदि. 

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हिचकियों का घरेलू उपाय 


* कुछ देर के लिए सांस रोकें.
* घुटनों को सीने तक लाएं और आगे की तरफ़ झुकें.
* पेपर बैग में सांस छोड़ें.
* बर्फ़ का पानी पियें.
* नींबू या सिरका लें.
* थोड़ा पानी पिएं.
* अचानक डर जाने पर भी हिचकियां रुकती हैं.

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