पार्टनर से झगड़ा हों, दफ़्तर में काम का पहाड़ हो… कभी-कभी तो कोई वजह होती भी नहीं पर स्ट्रेस हो जाता है. दुनिया में हर शख़्स कभी न कभी स्ट्रेस झेलता है. अगर किसी को ज़्यादा स्ट्रेस होता है तो वो उससे निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है.
कुछ लोग स्ट्रेस में खाना-पीना छोड़ देते हैं और वहीं कुछ लोग, काफ़ी ज़्यादा खाने लगते हैं.

स्ट्रेस और भूख का रिश्ता
एक रिपोर्ट के मुताबिक़, स्ट्रेस और भूख का रिश्ता है लेकिन सब इंसानों के लिए ये एक समान नहीं होता है.
कुछ लोग स्ट्रेस में भूख को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर देते हैं और खाना-पीना त्याग देते हैं. वहीं कुछ लोगों को स्ट्रेस Emotional Eaters बना देता है जो बिना सोचे-समझे बस खाए जाते हैं.
मनोवैज्ञानिक, Dr. Susan Albers के मुताबिक़,
जो लोग स्ट्रेस में खाना छोड़ देते हैं वो अपने स्ट्रेस पर इतना ध्यान देते हैं कि भूख तक को भूल जाते हैं. जो स्ट्रेस में ज़्यादा खाने लगते हैं वो स्ट्रेस से ध्यान हटाने के लिए बस खाते जाते हैं.

जब आप स्ट्रेस्ड होते हैं तो आपका शरीर, स्ट्रेस हॉरमॉन, Cortisol रिलीज़ करता है. Cortisol से आपको मीठा, फ़ास्ट फ़ूड, फ़ैटी फ़ूड खाने का अत्यधिक मन हो सकता है क्योंकि आपके दिमाग़ को ऐसा लगने लगता है कि सब समस्याओं के समाधान के लिए उसे ऊर्जा चाहिए.
मेटाबॉलिज़्म होता है प्रभावित
स्ट्रेस न सिर्फ़ आपके खाने-पाने की आदतों को बल्की आपके मेटबॉलिज़्म को भी प्रभावित करता है. हाई-फ़ैट खाना खाने के बाद महिलाओं पर एक स्टडी की गई. इस स्टडी में पाया गया कि जिन महिलाओं ने बीते 24 घंटे में किसी न किसी वजह से स्ट्रेस लिया था उनकी कैलरीज़ स्ट्रेस न लेने वाली महिलाओं के मुक़ाबले से कम घटीं.

फिर स्ट्रेस में ओवरइटिंग से कैसे निपटें
दफ़्तर का काम, घर का काम, मोबाईल स्ट्रेस की वजह तो अनेक हैं. स्ट्रेस या स्ट्रेस में ओवरइटिंग से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम ख़ुद इस बात का ध्यान रखें कि स्ट्रेस में हम ज़्यादा खाने लगते हैं और उस ज़्यादा भूख पर ख़ुद क़ाबू पाएं.
ख़ुद को ओवरइटिंग से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है, हेल्दी फ़ूड लेकर तैयार रहना. जैसे- टिफ़िन घर से लाना और एक्स्ट्रा खाने की चीज़ रखना. ऐसा करने से अगर आप स्ट्रेस्ड महसूस कर रहे होंगे तो अनहेल्दी खाने की बजाए अपनी लाई खाने की चीज़ खायेंगे.
नियमित व्यायाम और ढंग की नींद लेना भी ज़रूरी है.
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