हिंदुस्तान की मिट्टी में न एक अलग बात है. मिट्टी की ख़ुशबू सूंघ कर लोग दूसरे मुल्क लोग यहां दौड़े चले जाते. इसके बाद तो जैसे मानों अपने मुल्क वापस ही नहीं जाना चाहते और यहीं बसने का फ़ैसला ले लेते हैं. जैसे कि कुछ पाकिस्तानी स्टार्स ने किया. आज हम आपको बतायेंगे उन पाकिस्तानी लोगों के बारे में जिन्होंने हिंदुस्तान की ख़ातिर अपने वतन को अलविदा कह दिया.

चलिये जानते हैं हिंदुस्तान की मोहब्बत में डूबने वाले लोगों की लिस्ट-लिस्ट में किस-किस का नाम है: 

1. युसूफ़ ख़ान ऊर्फ़ दिलीप कुमार  

बॉलीवुड के अभिनेता दिलीप साहब का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था. वो विभाजन से पहले ही बॉलीवुड में अपनी जगह बना चुके थे. इसके बाद जब भारत-पाक का विभाजन हुआ, तो भी उन्होंने पेशेश्वर की वापसी नहीं की.

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2. अदनान सामी

अदनान सामी एक जाने-माने सिंगर हैं. अदनान सामी हिंदुस्तान में अपना करियर बनाने आये थे. इसके बाद उन्होंने यहीं बसने का फ़ैसला लिया. कुछ समय पहले ही उन्होंने भारत की नागरिकता ले ली है.

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3. मनमोहन सिंह  

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म भी पाकिस्तान में हुआ था, जो बाद में भारत आये और अब दुनिया उन्हें उनके काम से जानती है.

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4. लाल कृष्ण अडवाणी 

लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में भी सहयोग दिया है. आडवाणी जी का जन्म भी पाकिस्तान के कराची में हुआ था, लेकिन विभाजन के बाद वो हिंदुस्तान में बस गये थे.

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5. उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ान 

उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ान गायिकी की दुनिया का बड़ा नाम थे, जिनके गीत आज भी लोगों के दिलों को सुकून देते हैं. गायक का जन्म पाकिस्तान के कसूर में हुआ था.

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6. बेग़म पारा 

बेग़म पारा हिंदुी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री थीं. 1940s और 1950s के दौरान उन्होंने बॉलीवुड में अपने अभिनय से पहचान बनाई है. अपनी एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली बेग़म पारा पाकिस्तान के झेलम शहर से थीं.

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7. साहिर लुधियानवी

साहिर लुधियानवी एक लोकप्रिय गीतकार और शायर थे, जिनका असली नाम अब्दुल हयी साहिर था. कवि का जन्म लुधियाना में हुआ था, लेकिन 1943 में वो लाहौर चले गये थे. उन्होंने उर्दू पत्र अदब-ए-लतीफ़ और शाहकार में बतौर संपादक भी काम किया. इसके बाद वो द्वैमासिक पत्रिका सवेरा के साथ भी जुडे़. कहा जाता है कि वहां उन्होंने एक रचना लिखी, जिसे सरकार के खिलाफ़ माना जाने लगा. इसलिये उन्हें पाकिस्तान सरकार की तरफ़ वारंट जारी कर दिया. 1949 में साहिर दिल्ली आ गये और इसके बाद मुंबई शिफ़्ट हो गये.  

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8. जोगेंद्र नाथ मंडल 

पाकिस्तान के पहले श्रम और कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल अनुसूचित जाति के नेता और मुस्लिम लीग के सहयोगी थे. वहां हिंदुओं के प्रति सौतेला व्यवहार देख कर जोगेंद्र नाथ मंडल भारत वापस आ गये थे.  

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बस इसलिये सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.