कोरोना वायरस की वजह से कई महीनों से कर्मचारी वर्क फ़्रॉम होम कर रहे हैं.   

ऐसे में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर खुलने के बाद कई लोग घरों से दूर परिवार, दोस्तों और लैपटॉप के साथ पहाड़ों के बीच काम करने की तरफ़ निकल पड़े हैं.  

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प्रवीन नागपाल, जो उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में बनलेखी रिसॉर्ट्स के हिस्से के रूप में छह कॉटेज चलाते हैं का कहना है की ये दोनों ही लोगों के लिए फ़ायदेमंद है. लोगों को घरों से दूर, रिलैक्स्ड वातावरण में काम करने को मिल जाता है और हम लोगों के लिए भी कमाई का ज़रिया बन जाता है.  

नागपाल ने उन लोगों के लिए हिमाचल के सोलन में अपना दो कमरों का बंगला भी खोला है, जो काम करना चाहते हैं.  

उन्होंने कहा कि वह और उनके उद्योग के साथी अब एक निश्चित मासिक किराए पर अपनी-अपनी प्रॉपर्टीज़ पेइंग गेस्ट फैसिलिटी के तौर पर चलाने के बारे में सोच रहे हैं. जिसमें की लोगों को एक स्टडी टेबल, अच्छा वाई-फ़ाई और किचन की सुविधा दी जाएगी. साथ ही उन्हीं लोगों की अनुमति है जो कम से कम 7 दिन रहना चाहते हैं.  

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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की तरफ जाने वाले लोगों के पास ICMR से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला से COVID-19 नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए जो की प्रवेश करने से 72 घंटों के भीतर की गई हो.  

नई दिल्ली में एक डेटा एनालिस्ट की नौकरी कर रहे गौतम मिश्रा कहते हैं, ‘मैं अगले हफ़्ते अपने परिवार के साथ उत्तराखंड जा रहा हूं. वर्तमान में, उनका नियम कहता है कि मुझे RT-PCR सर्टिफ़िकेट के साथ यात्रा करनी चाहिए, जो मुझे उनके क्वारंटाइन और न्यूनतम ठहराव नियमों से वंचित करता है.’ गौतम का परिवार एक महीने के लिए पहाड़ों में रहने की योजना बना रहा है. जहां दोनों ही पति-पत्नी अपने-अपने काम में व्यस्त रहेंगे तो बच्चे ऑनलाइन क्लासेज़ में. 

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पालमपुर, कसौली और रेणुका में कई छोटे होटल और होम स्टे पर्यटकों की मेज़बानी कर रहे हैं.  

कसौली में छह बेडरूम का होटल चलाने वाले अनिल ठाकुर कहते हैं, “हालांकि हमने औपचारिक रूप से नहीं खोला हैं लेकिन यदि कोई न्यूनतम 10 दिनों के लिए एक कमरे के लिए अनुरोध करता है, तो हम सफ़ाई और बुनियादी रसोई की आवश्यक व्यवस्था करते हैं.” वे आने वाले हफ़्तों में अधिक भीड़ की उम्मीद कर रहे हैं. 

उत्तराखंड में होटल व्यवसायी संघ द्वारा एक अनौपचारिक अनुमान के अनुसार, विभिन्न राज्यों से पिछले एक सप्ताह में 8,000 से अधिक लोग उत्तराखंड में आए हैं. जबकि, हिमाचल प्रदेश होटलियर्स एसोसिएशन द्वारा एक अनौपचारिक अनुमान की मानें तो राज्य में रहने वाले बाहरी लोगों की संख्या लगभग 6,500 है.