आपने दुनिया के सबसे ताकतवर जानवरों के बारे में सुना होगा, सबसे तेज़ और बड़े जानवरों के बारे में भी जानते होंगे. मगर आज हम आपको दुनिया के सबसे आलसी जानवर के बारे में बताएंगे. वो जानवर जो अपने आलस के चलते पूरी ज़िंदगी उल्टा लटके हुए बिता देता है.

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इस जानवर का नाम स्लोथ (Sloth) है. ये शाकाहारी जानवर मध्य और दक्षिण अमेरिकी उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहते हैं. इसकी 6 तरह की प्रजातियां धरती पर मौजूद हैं. ये 6 प्रजातियां दो जीववैज्ञानिक कुलों में बंटी हुई हैं. एक 2 उंगली वाले Megalonychidae और दूसरी 3 उंगली वाले Bradypodidae कहलाती है.

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स्लोथ हमेशा पेड़ों के ऊपर ही लटके रहते हैं. इनके आलस की इंतिहा ये है कि वो अपनी ज़िंदगी का क़रीब 90 फ़ीसदी हिस्सा उल्टा लटके हुए ही गुज़ारता है. इस दौरान वो हिलता-डुलता भी बहुत कम है. यहां तक कि ये इसी स्थिति में मादा से संबंध बनाते हैं और ऐसे ही उल्टे लटके हुए मादा बच्चे पैदा करती है.

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स्लोथ का पाचन तंत्र भी बहुत ज़्यादा सुस्त होता है. वो बस एक पत्ती खाकर भी पूरा दिन गुज़ार सकता है. दरअसल, एक पत्ती को पचाने में उसे महीनाभर लग जाता है. इसका फ़ायदा ये है कि स्लोथ बहुत कम खाना खाकर भी लंबे वक़्त तक  जीवित रह सकता है.

ये आलसी जानवर हर रोज़ क़रीब 15 से 20 घंटे तक सोता रहता है. बाकी के वक़्त में भी ये पेड़ पर ही रहता है. ज़्यादा सोने की वजह से इनकी मांसपेशियां तनकर स्थिर हो जाती हैं. फिर ये तभी ढीली होती हैं, जब स्लोथ इन्हें जागकर ढीला करता है. स्लोथ के पैर की सभी उंगलियां एक साथ ही मुड़ती और खुलती हैं. इन्हें ये अलग-अलग नहीं खोल सकता. इनके शरीर क तापमान भी काफ़ी कम रहता है. ये क़रीब 86°F-93°F के कम शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं. 

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साथ ही, ये जानवर बमुश्किल ही इधर-उधर चलता है. ये इतना सुस्त होते हैं कि पूरे दिन में महज़ 41 गज की ही दूरी तय कर सकते हैं. ये अगर भागने की भी कोशिश करें, तो इनकी स्पीड 3 किलोमीटर प्रति घंटा भी नहीं होती है.

हालांकि, हैरानी की बाद ये है कि इतना सुस्त होने के बावजूद स्लोथ बेहरतीन तैराक होते हैं. कभी-कभी वो पेड़ से नीचे पानी में गिर जाते हैं, तो आसानी से तैरकर वापस पेड़ पर चढ़ जाते हैं. 

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प्रकृति स्लोथ पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है. पेड़ पर रहने के चलते ये जगुआर और चील जैसे शिकारियों से बच जाते हैं. सुस्त पाचन तंत्र के चलते इन्हें ज़्यादा खाना नहीं होता. ऐसे में खाने की तलाश भी नहीं करनी पड़ती. इधर-उधर देखने के लिए भी इन्हें मेहनत नहीं करनी पड़ती. क्योंकि प्रकृति ने इनकी गर्दन में 10 नेक वेरटेबर दे दिया है. इससे ये अपनी गर्दन 270 डिग्री तक घुमा सकते हैं.