ज़हर, ये शब्द सुनते ही दिमाग़ में मौत का ख़्याल आ जाता है. हम अक्सर सुनते भी हैं कि किसी ने ज़हर खा लिया और उसकी मौत हो गई. कभी-कभी लोग बच भी जाते हैं. मगर आज हम जिन 10 ज़हरों के बारे में आपको बताएंगे, वो दुनिया में सबसे ख़तरनाक माने जाते हैं. अगर ये ज़हर इंसान के शरीर में दाख़िल हो जाएं, तो फिर किसी भी इंसान का बचना लगभग नामुमकिन है.

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1. हेमलॉक

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हेमलॉक या कोनियम यूरोप और दक्षिण अफ्रीका का एक अत्यधिक ज़हरीला फूल वाला पौधा है. ये प्राचीन यूनानियों के बीच लोकप्रिय था, जिन्होंने इसका इस्तेमाल वो कैदियों को मारने के लिए करते थे. एक वयस्क के लिए 100 मिलीग्राम कोनियम या पौधे की लगभग 8 पत्तियां ही जान लेने के लिए काफ़ी हैं. इसके संपर्क में आने से आप शरीर निष्क्रिय पड़ जाता है. माना जाता है कि इसी ज़हर से महान दार्शनिक सुकारात की मौत हुई थी.

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2. एकोनाइट

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एकोनाइट मौंकशुड पौधे से आता है. इसे वुल्फस्बेन के रूप में भी जाना जाता है. ये ज़हर इनता ख़तरनाक है कि बिना दस्ताने पहने पौधे की पत्तियों को छूने पर भी इंसान की जान जा सकती है. क्योंकि ये बहुत जल्दी और आसानी से अवशोषित हो जाता है. कहते हैं सम्राट क्लॉडियस को उसकी पत्नी ने यही ज़हर देकर मारा था.

3. बेलाडोना

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ये शब्द इतालवी भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब है सुंदर महिला. दरअसल, इसका इस्तेमाल मध्य युग में महिलाओं के कॉस्मेटिक प्रोडेक्ट्स में किया जाता था. हालांकि, अगर इस पौधे की पत्तियां बेहद ज़हरीला होती थीं. धनुष-बाण चलाने वाले अपने तीर इस ज़हर में भिगोते थे. 

4. डाइमिथाइलमेरकरी

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ये ज़हर एक इंसानों द्वारा बनाया गया है. इसे धीमा हत्यारा भी बोलते हैं. यही बात इसे ख़तनारक बना देती है. इसकी 0.1ml खुराक भी जान लेने के लिए काफ़ी है. दरअसल, इस ज़हर का असर महीनों बाद मालूम पड़ता है. हालांकि, उस वक़्त तक इलाज करने का कोई मतलब ही नहीं बचता. एक रसायन शास्त्र के प्रोफेसर के दस्ताने पर ज़हर की एक या दो बूंद गिर गई थीं. उसे ज़हर के लक्षण चार महीने बाद महसूस हुए और दस महीने बाद उसकी मौत हो गई थी.

5. टेट्रोडोटॉक्सिन

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ये पदार्थ ब्लू-रिंगेड ऑक्टोपस और पफर फिश जैसे समुद्री जीवों में पाया जाता है. हालांकि, ऑक्टोपस सबसे खतरनाक है, क्योंकि ये जानबूझकर अपने ज़हर को इंजेक्ट करता है. इससे मिनटों में ही मौत हो जाती है. ऑक्टोपस 26 वयस्क इंसानों को मिनट भर में अपने ज़हर से मार सकता है. साथ ही, इसका काटना भी काफ़ी दर्दनाक होता है. वहीं, पफर मछली के ज़हर को निकालकर खाया जा सकता है. हालांकि, ऐसा करने की लोग सलाह नहीं देते.

6. पोलोनियम

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पोलोनियम एक रेडियोधर्मी ज़हर है, जिसका कोई इलाज नहीं है. वाष्पीकृत पोलोनियम का एक ग्राम कुछ ही महीनों में लगभग 15 लाख लोगों की जान ले सकता है. पोलोनियम विषाक्तता का सबसे प्रसिद्ध मामला पूर्व रूसी जासूस अलेक्जेंडर लिट्विनेंको का है. उनके चाय के प्याले में पोलोनियम पाया गया था.

7. मरक्यूरी

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मरक्यूरी यानि पारे के तीन रूप होते हैं जो बेहद खतरनाक हैं. एलिमेंटल पारा वो है जिसे आप ग्लास थर्मामीटर में देखते हैं, अगर इसे छुआ जाए तो ये हानिकारक नहीं है, लेकिन सांस लेने पर घातक है. अकार्बनिक पारा बैटरी बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, और केवल निगलने पर ही घातक होता है. और अंत में, कार्बनिक पारा मछली में पाया जाता है, जैसे ट्यूना और स्वोर्डफ़िश. इसका लंबे समय तक सेवन करना जानलेवा होता है.

8. सायनाइड

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सायनाइड, मूल रूप से कार्बन और नाइट्रोजन परमाणु से मिलकर बनता है. कोई भी रासायनिक तत्व, जिनमें कार्बन और नाइट्रोजन की मौजूदगी होती है वो सायनाइड होता है. हालांकि, सभी सायनाइड ज़्यादा ख़तरनाक नहीं होते हैं. मुख्य तौर पर सोडियम सायनाइड, पोटेशियम सायनाइड, हाइड्रोजन सायनाइड और सायनोजेन क्लोराइड सायनाइड जानलेवा होते हैं. मनुष्यों के लिए साइनाइड की घातक खुराक शरीर के वज़न के प्रति किलोग्राम 1.5 मिलीग्राम है. खुराक के आधार पर 1 से 15 मिनट के अंदर मौत हो जाती है. शुद्ध सायनाइड लेने के बाद इंसान की मौत चंद सेकंड में ही हो सकती है. बता दें, नाज़ी जर्मनी द्वारा गैसीय रूप में हाइड्रोज़न सायनाइड का इस्तेमाल गैस चेंबर में सामूहिक हत्याओं के लिए किया गया था.

9. बोटुलिनम टॉक्सिन

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बोटुलिनम ज़हर के संपर्क में आने वाले का अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो उसकी मौत हो जाएगी. ये अब तक मिले सबसे ख़तरनाक ज़हरों में से एक है. इस ज़हर से मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं और इंसान सांस नहीं ले पाता. इसका ज़हर दूषित खाने और खुले घाव से भी शरीर में प्रवेश कर जाता है. 70 किलो के आदमी को मारने के लिए आपको सिर्फ़ 0.00007 मिलीग्राम की ज़रूरत पड़ेगी. बता दें, लोग अपने चेहरे पर जिस बोटॉक्स इंजेक्शन को लगाने के लिए भारी मात्रा में पैसा ख़र्च करते हैं, वो दरअसल बॉटुलिनम टॉक्सिन है. बॉटुलिनम टॉक्सिन का इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य दिक्कतों को दूर करने के लिए किया जाता है.

10. आर्सेनिक

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आर्सेनिक को ‘ज़हर का राजा’ कहा जाता है. आर्सेनिक का कोई नुकसान दिखाई नहीं देता, लेकिन इसकी विषाक्तता कैंसर, पीलिया, चेचक और त्वचा रोग पैदा करने के लिए काफ़ी है. इसके ज्यादा इस्तेमाल से कुछ ही घंटों में मौत हो जाती है. पहले ज़माने में ये हत्या करने सबसे आसान हथियार बन गया था. क्योंकि मरने के बाद मौत का कारण पता नहीं चल पाता. नेपोलियन बोनापार्ट, इंग्लैंड के तीसरे जॉर्ज और साइमन बोलिवार जैसी महान हस्तियों की मौत का ज़िम्मेदार आर्सेनिक को ही बताया जाता है.आर्सेनिक ब्यूटी प्रोडेक्ट के रूप में भी उपयोग किया जाता रहा है.