World Sleep Day 2022: आपने International Women’s Day, World Rights Day (विश्व अधिकार दिन) जैसे दिनों के बारे में सुना ही होगा और इन दिनों को बड़े उत्साह से सेलिब्रेट भी करते होंगे. क्या आपने कभी वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day) के बारे में सुना है? शायद आपका जवाब होगा ‘नहीं’. पर दोस्तों यक़ीन मानिए World Sleep Day (विश्व निद्रा दिन) भी है. दुनिया भर में हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को हम World Sleep Day मनाते हैं, जो इस साल 8 मार्च 2022 को पड़ रहा है.
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World Sleep Day क्या है?
इंडिया में ‘World Sleep Day’ के बारे में लोग कम ही जानते हैं. पर, वेस्टर्न कंट्रीज में World Sleep Day पर कई टीवी. न्यूज़ डिबेट्स, डिस्कशन, आदि. का आयोजन होता है. चाहे कोई भी ‘डे’ हो पर, हर डे को सेलिब्रेट करने का कोई न कोई उद्देश्य होता है. जैसे ‘वर्ल्ड विमेंस डे’ सेलिब्रेट करने के पीछे कारण है, महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उन्हें सेल्फ़-डिपेंडेंट बनाना है. ठीक वैसे ही वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day) मनाने का भी एक उद्देश्य होता है.
जिस तरह से किसी व्यक्ति को अपने शरीर को फिज़िकली और मेंटली स्वस्थ्य रखने के लिए तमाम तरह के विटामिन्स, प्रोटींस की ज़रूरत पड़ती है. ठीक वैसे ही, व्यक्ति के शरीर को फिज़िकली और मेंटली स्वस्थ्य रखने के लिए अच्छी और पर्याप्त नींद की ज़रूरत होती है. साइकोलोजिस्ट की मानें तो, किसी भी व्यक्ति को दिन में कम से कम 6 से 8 घंटो की नींद लेना ज़रूरी होता है और जो लोग 6 घंटो से कम सोते है, उनके शरीर में लेप्टिन यानी की भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का लेवल कम होने की या फिर भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का लेवल बढ़ने की संभावना बढ़ सकती है. जिस वजह से या तो व्यक्ति की भूख बढ़ जाती है या फिर कम होते-होते बिल्कुल ही ख़त्म हो जाती है.
अच्छी नींद के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आप चाहते हो कि रात की नींद बहुत अच्छी और पक्की हो, तो आपको इस आर्टिकल में बताई गई बातों पर पर गौर कर इसे सीरियस लेना होगा, तभी ये संभव है:
सोने के पहले मोबाइल फ़ोन न देखें
आपको सोने के पहले मोबाइल को ख़ुद से दूर रखना है. इसके पीछे कई साइंटिफ़िक और साइकोलॉजिकल कारण है. जैसे, सोने से पहले जो चीज़ें हम देखते, पढ़ते, सोचते हैं, ज़्यादातर वही बातें और विचार सोने के बाद हमारे दिमाग़ में चलते रहते हैं. जिस वजह से हमारी नींद को बार-बार टूटती है और पूरी नहीं होती है.
World Sleep Day: सोते वक़्त आंख बंद कर किसी अच्छी याद या दृश्य की कल्पना करनी चाहिए-
जैसा हमने ऊपर कहा, सोने के पहले जो बातें हमारे मन (सबकॉन्शियस माइंड) में चलती हैं वही नींद में भी कंटिन्यू रहती हैं. इसलिए सोने के पहले अच्छी और सकारात्मक बातें सोचें. ऐसा करने से हमारे मस्तिष्क को, दिन भर की थकान और तनाव कम करने में आसानी होती है.
सोने का बेड, बिस्तर और तकिया आरामदायक हो
ये बात तो हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी आज़माई ही होगी कि अगर हमारा सोने का बेड, बिस्तर और तकिया आरामदायक न हो तो रात में हमें नींद में कई दिक्कतें आती हैं. जिस वजह से सोते हुए बॉडी अकड़ जाती है या नस चढ़ जाती हो और बॉडी दर्द होने के कारण हमारी नींद खुल जाती है. इसलिए सोने से पहले चेक कर लेना चाहिए कि आपका बेड, बिस्तर और तकिया आरामदायक हो ये सुनिश्चित कर लें.
खाने के बाद तुरंत ही न सोयें
विशेषज्ञों के मुताबिक रात को खाना खाने के तुरंत बाद सोने के लिए नहीं जाना चाहिए. हमें खाना खाने और सोने के बीच कुछ समय का गैप रखना चाहिए. क्योंकि खाना खाने के तुरंत लेटने से गैस, एसिडिटी आदि की समस्या होने लगती है. इसके अलावा इंसुलिन और ब्लड शुगर बढ़ जाता है, जिससे हमारे शरीर का वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही नींद भी पूरी नहीं होती है.
कुछ लोगों को रात में नींद न आने यानि अनिद्रा की समस्या हो जाती है, क्या आपको पता है, रात में नींद क्यों नहीं आती है?
रात में नींद ना आने के कई वज़ह हो सकती हैं, पर यहां हम कुछ बेसिक कारण आपको बताने जा रहे हैं. आज के इस बदलते समय में लोगो को कई प्रकार की अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. खासकर कोविड-19 के बाद से. इस वजह से कई लोगों को तनाव का सामना करना पड़ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आज हर 5 में 3 लोग तनाव से जूझ रहे हैं. तनाव, नींद न आने का सबसे बड़ा कारण है.
इस डिजिटल दुनिया में बढ़ते मोबाइल के प्रयोग से लोग देर रात तक जागते ही रहते हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य और दिमाग दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हाल ही में एक सर्वे के मुताबिक, हर 10 में से 6 लोग रात के समय सोने से पहले मोबाइल का अधिक प्रयोग करते है, जिस वजह से उन्हें नींद न आने की समस्या से गुज़रना पड़ रहा है.
वहीं कुछ लोगों को देर रात तक पार्टी करना, दोस्त-यारों के साथ बाहर घूमना-फिरना पसंद होता है और वो लेट नाइट क्लब में पार्टी करते हैं, मूवी देखने जाते है. इन सबकी वजह से उनका रूटीन बिगड़ जाता है और नींद ना आने की समस्या हो जाती है.
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