दुनिया में हर शख़्स को किसी न किसी चीज़ का लालच होता है. किसी को काम, तो किसी को पैसों का. पर इतिहास गवाह है कि लालच ने इंसान को बर्बादी के सिवा कुछ नहीं दिया. इसका जीता-जागता उदाहरण कुछ हिंदुस्तानी अरबपति भी हैं, जिनके लालच ने उन्हें अमीर से फ़कीर बना दिया.  

1. विजय माल्या  

विजय माल्या वो नाम है जिसने धरती पर बहुत अच्छा समय देखा है. इसलिये उन्हें ‘अच्छे समय’ के राजा के रूप में भी जाना जाता है. माल्या वो शख़्स है जिन्होंने स्पोर्ट्स, एयरलाइंस, और राजनीति हर जगह अपने पैर पसारे. ये लालच धीरे-धीरे बढ़ता गया और उन्हें बर्बादी की ओर भी ले गया. माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा हुआ है, जिसके चलते उन्हें हिंदुस्तान से फ़रार होना पड़ा. समय देखिये जो शख़्स देश में कभी शान से जी रहा था. अब वो एक भगोड़े के नाम से जाना जाता है.

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2. मेहुल चोकसी 

हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13 हज़ार 500 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप लगा है. कभी आलीशान ज़िंदगी जीने वाले मेहुल चोकसी डोमिनिका जेल की सलाख़ों के पीछे हैं. हाल ही में डोमिनिका सरकार ने मेहुल को अवैध अप्रावासी भी घोषित किया है. किसने सोचा था कि किसी अरबपति के इतने बुरे दिन भी आएंगे.  

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3. रामलिंग राजू 

90 के दशक में सत्यम कंप्यूटर्स एक सफ़ल और मानी हुई आईटी फ़र्म थी. कंपनी के चेयरमैन और सीईओ रामलिंग राजू थे. चेयरमैन पद पर रहते हुए उन्होंने कंपनी से 7,140 करोड़ रुपये का घोटाला किया. जिसके बाद उन्हें उनके पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा और 2015 में कंपनी भी बंद हो गई. 2009 में टेक महिंद्रा ने सत्यम को ख़रीदा लिया, जिसके बाद उसका नाम महिंद्रा सत्यम रख दिया गया.  

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4. नीरव मोदी  

कभी किसी ज़माने में नीरव मोदी हिंदुस्तान के जाने-माने व्यापारी थे. समाज में उनकी पहचान और इज़्ज़त थी. पर अचानक पीएनबी घोटाले में उनका नाम सामने आया. नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से $2 बिलियन डॉलर के घोटाले का आरोप है. आपराधिक साज़िश, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के ज़ुर्म में नीरव मोदी भगोड़ा घोषित कर दिया गया है, जिसे भारत लाने का प्रयास चल रहा है.

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5. सुब्रत रॉय 

सुब्रत रॉय सहारा इंडिया परिवार के फ़ाउंडर हैं. 2012 में सेबी (SEBI) ने उन्हें चिट फ़ंड मामले में दोषी ठहराया. मामले में वो लंबे तक जेल के अदंर भी रहे. इसके साथ ही SEBI ने उन्हें 62, 600 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश भी दिया था. पैसे न लौटाने पर उनके पेरोल को रद्द करने की मांग भी की गई थी.  

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6. वीजी सिद्धार्थ 

CCD की नींव रखने वाले वीजी सिद्धार्थ ही थे. अगर उन्होंने CCD न बनाया होता, तो शायद आज हमारे पास कई यादें न होतीं. 2019 जुलाई में उन्होंने एक पुल से कूद कर सुसाइड कर ली थी. आत्महत्या से पहले उन्होंने कंपनी से 2700 करोड़ रुपये निकाले थे. वो कई सारे लेन-देन और कर्ज़ से परेशान थे. वीजी की मौत कई लोगों को रुला गई थी. 

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इसलिये कहते हैं कि वक़्त से बलवान कोई नहीं होता. यहां क़िस्मत कब किसके साथ क्या खेल खेलेगी कोई नहीं जानता.