लाल मिट्टी, हरियाली और पहाड़ अच्छे लगते हैं, तो आपको नॉर्थ ईस्ट की तरफ़ आपना रुख करना चाहिए. सिक्किम और मेघालय के अलावा एक और राज्य त्रिपुरा जहां आप जाने की सोच सकते हैं. मगर उससे पहले त्रिपुरा से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें जान लीजिए, इससे जाने मज़ा और ज़्यादा हो जाएगा.
कैसे पहुंचे?
फ़्लाइट से जाने वाले अगरतला से फ़्लाइट ले सकते हैं, जिसमें सिर्फ़ एक घंटे में त्रिपुरा पहुंच जाएंगे. इसके अलावा अगर आपको ट्रेन से जाना है, तो उसके लिए हावड़ा जंक्शन पर उतरें और अगरतला रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन लें.
जाने का सही समय:
त्रिपुरा जाने का सबसे अच्छा समय मार्च या जुलाई की शुरुआत का है. क्योंकि मार्च से जून तक तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा नहीं होता है. मगर जुलाई से भारी बारिश शुरू हो जाती है और सितंबर तक जारी रहती है. इसके अलावा सर्दियों में तापमान अक्टूबर से फरवरी तक 10 डिग्री सेल्सियस से कम होता है.
काफ़ी सस्ता है त्रिपुरा
खाने और यात्रा के मामले में त्रिपुरा राज्य काफ़ी सस्ता है. यहां पर आपको सस्ते होटल, किराये की कार और सस्ती जगह आसानी से मिल जाएंगी.
घूमने की जगह
1. नीर महल
ये जल महल त्रिपुरा के पूर्व महाराजा, बीर बिक्रम किशोर देबबर्मा द्वारा 1938 में रुद्रसागर नामक केंद्रीय झील पर बनाया गया था. ये रुदिजाला में स्थित है, जो अगरतला शहर से 2 घंटे की दूरी पर है.
2. उनाकोटी
त्रिपुरा का ये प्राचीन शैव स्थल (Shaivite Site) जल्द ही यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल बनने वाला है. आप भगवान शिव की 8वीं और 9वीं शताब्दी की पुरानी नक्काशी देख सकते हैं. भगवान का मुख्य तीर्थ शिला लगभग 30 फ़ुट ऊंचा है और आप भगवान गणेश की भी कलाकृतियां देख सकते हैं. ये जगह धर्मपुरा, त्रिपुरा के उत्तर-पश्चिमी भाग में कैलाशहर में स्थित है.
3. अगरतला
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक है. विक्टोरियन मैन्शन से लेकर नेचर पार्क तक आपके लिए घूमने की कई जगह हैं, जिनमें उज्जयंता पैलेस या त्रिपुरा सरकार संग्रहालय, रवीन्द्र कानन, हेरिटेज पार्क, Fourteen God’s Temple, नेहरू पार्क, उमानेश्वर मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अभयनगर बौद्ध मंदिर और लुभावनी जग्गनाथ बारी शामिल हैं.
4. उदयपुर
एक उदयपुर राजस्थान में है और एक त्रिपुरा में. यहां पहुंचकर आपको अपनी यात्रा पवित्र त्रिपुरेश्वरी मंदिर से शुरू करनी चाहिए, जो शक्ति पीठों में से एक है. भगवान शिव और पार्वती, सुंदर कल्याण सागर और आखिर में प्राचीन भुवनेश्वरी मंदिर भी है. इसके अलावा थक जाएं, तो तपनिया इको पार्क में जंगल के बीच आराम कर सकते हैं.
5. डमबूर लेक
भगवान शिव के डमरू के आकार की ये झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. ये स्थान दो नदियों- राइमा और साइमा का संगम स्थल है. आप डमबूर झील में प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं और अपनी छुट्टी का आनंद ले सकते हैं.
अगर आप यहां रुकने के लिए जगह ढूंढ रहे हैं, तो कई रिसॉर्ट और होटल्स हैं जहां आप रुक सकते हैं. इनका एक रात का किराया 2 से 3 हज़ार तक है.
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