ये हैं पद्मनाभ सिंह, जो जयपुर के ‘राजा’ हैं. मात्र 20 साल की उम्र में पद्मनाभ सिंह 697 मिलियन डॉलर से $855 मिलियन डॉलर के बीच की धन-सम्पति को संभालते हैं, और इसलिए उनको ‘राजा’ कहा जाता है.
पद्मनाभ सिंह का पूरा नाम महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह है, जो जयपुर के सबसे युवा सम्राट हैं. जयपुर जो उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित है और पिंक सिटी नाम से और अपनी वास्तुकला व शाही महलों के लिए दुनिया में फ़ेमस है.
पद्मनाभ सिंह एक पोलो स्टार हैं. अधिकतर वो अपना समय पोलो खेलने, लिबरल आर्ट सीखने व उनका अध्ययन करने और दुनिया घूमने में बिताते हैं. उन्होंने न्यूयॉर्क में पढ़ाई की है और अब वो देश विदेश में फ़ैशन शो में एक मॉडल के रूप में रैंप वॉक करते हैं. देखा जाए तो राजसी परिवारों या रॉयल फ़ैमलीज़ की धन-सम्पति का अनुमान अलग-अलग होता है, लेकिन पद्मनाभ सिंह 697 मिलियन डॉलर से 2.8 बिलियन डॉलर की सम्पति के मालिक हैं.
तो चलिए आज आपको रू-ब-रू करवाते हैं देश के युवा राजा और उनके राजसी ठाट-बाट से:
पद्मनाभ सिंह, जिनके परिवार और दोस्त उन्हें ‘पाचो’ कहते हैं, जयपुर के शाही परिवार के 303वें वंशज हैं.
वो 2011 में अपने दादा, सवाई मान सिंहजी बहादुर की मृत्यु के बाद राजा बने, जिन्हें ‘जयपुर का अंतिम महाराजा’ कहा जाता था. ऐसा इसलिए क्योंकि वो भारत में शाही विशेषाधिकारों को मान्यता मिलने से पहले ही गद्दी पर विराजमान हो गए थे.
हालांकि, पद्मनाभ सिंह के शाही शीर्षक को आधिकारिक तौर पर क़ानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, क्योंकि भारत एक संघीय संसदीय लोकतांत्रिक गणराज्य है जिसमें एक राष्ट्रपति और एक प्रधानमंत्री हैं. लेकिन फिर भी इंडिया में उनको एक सम्मानजनक दर्जा प्राप्त है.
जयपुर उत्तर पश्चिमी भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है, जो अपने गुलाबी वास्तुकला और शाही महलों के लिए जाना जाता है.
सिंह का शाही परिवार सिटी पैलेस में रहता है, जिसे 1727 में स्थापित किया गया था.
जयपुर में स्थित सिटी पैलेस के कुछ हिस्सों को जनता के लिए खोला गया है.
4 साल की उम्र में पद्मनाभ सिंह ने अजमेर के मेयो कॉलेज के बोर्डिंग स्कूल जाने के लिए जयपुर छोड़ दिया था.
The Week मैगज़ीन से बात करते हुए सिंह ने बताया, ‘मेरे बोर्डिंग स्कूल ने मुझे वैसा ही बनाया है, जैसा मैं हूं. ये एक कठिन जीवन था, जिसमें कड़ा अनुशासन था और कोई भी विलासिता नहीं थी.’
सिंह ने अपना 18वां जन्मदिन 12 जुलाई, 2016 को जयपुर के सिटी पैलेस में ही मनाया.
उसी साल सिंह ने कई मंदिरों का दौरा किया और पारंपरिक अनुष्ठानों और समारोहों का आयोजन किया.
पूर्व शाही परिवारों के दरबार में जाते ही उनके सिर पर एक गुलाबी और सोने का रेशमी छत्र चढ़ाया गया.
दरबार में सिंह का सम्मान एक पारम्परिक तरीके से नज़राना देकर किया गया.
उनका स्वागत छोटी बहन राजकुमारी गौरवी कुमारी ने कुछ इस तरह किया.
पद्मनाभ सिंह की मां राजकुमारी दीया कुमारी, एक राजनीतिज्ञ और राजस्थान विधानसभा की सदस्य हैं.
उनके पिता नरेंद्र सिंह हैं. सिंह अपने दादा के बाद राजा बने क्योंकि उनकी मां उनके दादा की इकलौती संतान थीं और उनके पिता नरेंद्र एक ‘संत’ थे.
दिया कुमारी और नरेंद्र सिंह ने शादी के 21 साल बाद अलग होने की घोषणा की.
पद्मनाभ सिंह पोलो को अपना ‘सबसे बड़ा जुनून’ मानते हैं.
इस युवा सम्राट ने 20 साल में इंग्लैंड में पहली भारतीय पोलो टीम के कप्तान के रूप में काम करने के लिए Forbes की 2018 की ’30 Under 30 Asia List’ में जगह बनाई.
Forbes ने देखा कि किया कि सिंह Indian Open Polo Cup के सबसे युवा विजेता और विश्व कप पोलो टीम के सबसे कम उम्र के सदस्य हैं.
पद्मनाभ सिंह का एक और जूनून है और वो है फ़ैशन. जून 2018 में, उन्होंने इटली के मिलान में ‘Dolce & Gabanna Show’ में रैम्पवॉक की.
उन्होंने मिलान में Claire Deroo के साथ भी तस्वीरें खिंचवाईं, जिन्हें वो अपने सबसे अच्छे दोस्तों में से एक मानते हैं.
GQ India के अनुसार, सिंह अपनी क्लासिक स्टाइल के कारण हमेशा से फ़ैंस और फ़ॉलोवर्स के लिए एक आइकॉन रहे हैं.
उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की गई तस्वीरें अक्सर कपड़ों के उनके अलग कलेक्शन को दिखाती हैं. वो कहते हैं कि. ‘मैं अपनी स्टाइल के साथ बंधना नहीं चाहता हूं और कोशिश करता हूं कि मैं अपने कपड़ों से भी शिष्ट लगूं और सबके साथ अच्छे से पेश आऊं.’
The Week के अनुसार, सिंह एक घूमने-फिरने के भी शौक़ीन हैं और अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी यात्राओं के बारे में बताते हैं. उनकी अभी तक की यात्राओं में दक्षिण अफ्रीका, इटली, स्पेन, थाईलैंड, कोलंबिया में रोसारियो द्वीपसमूह, पेरू में माचू पिच्चू और पुर्तगाल जैसी जगहों के नाम शामिल हैं.
सिंह ने New York University से लिबरल आर्ट का अध्ययन करने के लिए कुछ समय New York में भी बिताया.
पद्मनाभ सिंह NYU से ग्रेजुएट नहीं हुए हैं, लेकिन वो एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से आर्ट की पढ़ाई करने के लिए सितम्बर 2018 में रोम, इटली चले गए. वो कहते हैं कि, ‘मैंने इटली में अपना दिल खो दिया, ये दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत देश है. ‘अपनी पुरानी इमारतों और भव्य वास्तुकला के साथ, ये हमेशा घर जैसा लगता है.’
इन दिनों पद्मनाभ जयपुर में रहते हैं, और वो अपना ज़्यादातर समय सिटी पैलेस में अपने परिवार के साथ बिताते हैं. वो सुजान राजमहल पैलेस में रह रहे हैं, जो पहले एक शाही गेस्टहाउस था, इसे हाल ही में पुनर्निर्मित किया गया था.
सिंह के पास राम निवास नामक महल भी है, जो उनका अपना पर्सनल अपार्टमेंट हैं. यहां उनके दादा रहते थे. ये महल एक लग्ज़री होटल के रूप में भी यूज़ किया जाता है. अपार्टमेंट में बेडरूम से अटैच्ड एक बड़ा सा बाथरूम, एक ड्रेसिंग रूम, एक डाइनिंग रूम, किचन, एक बरामदा और एक heated pool भी हैं.
पद्मनाभ सिंह ने 1 मार्च 2018 को जयपुर के सिटी पैलेस में होली का त्यौहार भी मनाया था.
इस बार उन्होंने जयपुर में होलिका दहन भी किया था.
जयपुर का शाही परिवार के पास सिटी पैलेस निवास के अलावा जयगढ़ किला भी है, जो अंबर पैलेस का एक हिस्सा है.
इसके अलावा माउंट आबू में एक शानदार ग्रीष्मकालीन रिट्रीट भी है, जो जयपुर हाउस के नाम से जाना जाता है. ये जगह जयपुर से लगभग 300 मील से भी आगे है. जयपुर हाउस अब एक होटल के रूप में पर्यटकों के लिए चलाया जा रहा है.
बतौर जयपुर के महाराजा होने के नाते सिंह के पास कई योजनाएं हैं. वो कहते हैं कि, ‘हम एक लोकतंत्र में हैं, और मैं अपनी पृष्ठभूमि को अपने सिर पर नहीं चढ़ने दे सकता. मैं भारत और दुनिया भर में एक राजदूत के रूप में कार्य करना अपना कर्तव्य समझता हूं.
इस समय, मैं अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, लेकिन मैं जयपुर को एक गंतव्य के रूप में बनाना चाहता हूं, मैं बहुत सारे लोगों की मेजबानी करता हूं और राजस्थान की कला और संस्कृति को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा हूं.’