पिछले चार दशकों से हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन करती आ रहीं नीना गुप्ता ने हमेशा ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जी है. टीवी की मशहूर अदाकारा नीना गुप्ता को उनके पॉपुलर टीवी शो सांस में प्रिया कपूर के किरदार के लिए भी जाना जाता है. वो एक शानदार अभिनेत्री हैं, लेकिन उनकी ज़िन्दगी में कई उतार-चढ़ाव, और कठिन मोड़ों से भरी हुई रही है. वो उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो ज़िन्दगी को अपनी शर्तों पर जीना चाहती हैं और इसके लिए उनको कई बार कठोर और बोल्ड रास्तों पर भी चलना पड़ता है.

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फ़िल्मों और टीवी की दिग्गज कलाकार नीना गुप्ता सांस, सिसकी, साथ फेरे और कमज़ोर कड़ी कौन जैस कई सीरियल्स में काम कर चुकी हैं.

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नीना का कहना है कि टीवी में काम करके उनको नाम, पैसा और शोहरत मिली है.

IANS को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया,

जब मैं दिल्ली से यहां एक अभिनेत्री बनने के लिए आयी थी, तब केवल फिल्में ही थीं, टीवी का नाम न के बराबर था. हर एक्टर की ख़्वाहिश होती है फ़िल्मों काम करना. लेकिन जब मुझे फ़िल्मों में कोई रोल नहीं मिला, तो मैंने टीवी की और रुख किया और टीवी में मुझे कई तरह के रोल्स करने का मौक़ा मिला. टीवी ने मुझे पैसा, नाम लोकप्रियता दी.

59 वर्षीय नीना गुप्ता ने बताया कि मैंने छोटे पर्दे पर बहुत काम किया है.

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मुझे फ़िल्मों में छोटी और बेकार भूमिकाएं मिलती थीं. तब मैंने सोचा कि मुझे सिर्फ़ टीवी में काम करना चाहिए और आज मेरे जितनी फ़ैन फ़ॉलोविंग और प्रशंसक हैं, वो सब टेलीविज़न पर काम करने की वजह से ही हैं. हाल ही में नीना गुप्ता की ‘बधाई हो’ रिलीज़ हुई है, जिसकी ख़ूब तारीफ़ भी हो रही है. इसमें नीना आयुष्मान खुराना के साथ मुख्य भूमिका में नज़र आयी हैं.

आने वाले समय में नीना ‘संदीप और पिंकी फारार’ में दिखाई देंगी, जिसमें परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर मुख्य किरदारों में साथ दिखाई देंगे.

जब नीना से पूछा गया कि क्या उम्र के कारण महिलाओं को टीवी और फिल्मों में रोल मिलने में कठिनाई होती है? इसके जवाब में नीना ने कहा कि, ‘बिल्कुल ऐसा होता है. उम्रदराज़ महिलाओं को बहुत लिमिटेड रोल मिलते हैं.

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मैं तो हमेशा से कहती आई हूं कि एक निश्चित उम्र के बाद, एक महिला की भूमिका क्या है? घर और परिवार की केयर करना. उसके बाद कोई रोल नहीं होता है. अधिक उम्र की महिलाओं को रोल नहीं मिलने के लिए मैं समाज को भी दोषी मानती हूं. जब समझ की सोच बदलेगी, शायद तब महिलाओं के लिए इंडस्ट्री में ज़्यादा रोल्स होंगे. समाज जब अधिक उम्र की महिलाओं को टीवी, फिल्म में देखना चाहेगा तो निश्चित रूप से रोल मिलेगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि आज कल महिलाओं को अच्छे रोल मिलने शुरू हो गए हैं.

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गौरतलब है कि एक्ट्रेस नीना गुप्ता पिछले साल उस वक़्त सुर्ख़ियों में आयीं थीं, जब वो सोशल मीडिया पर अच्छे रोल मांग कर रही थीं. उसके बाद से वो ‘मुल्क’ और ‘वीरे दी वेडिंग’ जैसी फ़िल्मों में नज़र आ चुकी हैं. Film Fair पुरस्कार से सम्मानित नीना ने कहा कि फ़िल्मों में गंभीरता पर और अधिक बात करने की ज़रूरत है.

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असलियत में एक मां नीना गुप्ता असल ज़िन्दगी में मां के किरदार को सबसे कठिन मानती हैं. वो कहती हैं, ‘मेरी ज़िन्दगी बहुत संघर्षों भरी रही है. मेरे पास पैसे नहीं थे. अपने कठिन समय में मुझे ये एहसास हुआ कि ज़िन्दगी में सबसे ज़रूरी चीज़ पैसा है. न ही मेरे साथ मेरा पति था और न ही रिश्तेदार. इसलिए ये मेरे लिए और भी ज़्यादा कठिन था. लेकिन मुफलिसी के दिनों में मुझको मेरी बेटी मसाबा से बहुत हिम्मत मिलती थी. उससे मुझे मातृत्व की खुशी मिली. वो एक बहुत ही अच्छी बेटी है और थी, उसने मुझे कभी भी परेशान नहीं किया किसी चीज़ के लिए. उसने मुझे जो खुशी दी वो किसी भी कठिन से कठिन परिस्थिति में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त थी.’

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80 के दशक में नीना गुप्ता की प्रेम कहानी फ़ेमस क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के साथ काफी चर्चा में रही थीं. नीना ने रिचर्ड्स से ही बिना शादी किए एक बच्चे की मां बनी थीं. मसाबा इन दोनों की बेटी है. नीना गुप्ता ने अकेले अपने दम पर अपनी बेटी मसाबा को पाला है और आज वो एक बेहतरीन फ़ैशन डिज़ाइनर है.

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