18 Year Old Snake Saver of Bihar in Hindi: इसमें कोई दो राय नहीं कि अपनी ख़ुशी के लिए इंसान जानवरों को मारता आया है. कई बार इंसान अपनी जान बचाने के चक्कर में जानवरों की हत्या कर देता है. इसकी बड़ी वजह इंसानों द्वारा जंगल क्षेत्र को कम करना है. वहीं, कई बार लोगों के घरों में सांप घुस आते हैं और ख़ुद को बचाने के लिए लोग सांप को मार डालते हैं. कई बार सांप इंसानों को काट भी लेते हैं और त्वरित इलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है.
ऐसे में कई Snake Saver निकल कर सामने आए हैं, जिनकी कोशिश रहती है कि न इंसान मरे और न ही सांपों को मारा जाए. ये स्नेक सेवर ट्रेंड होते हैं और सांपों को आसानी से पकड़ लेते हैं. साथ ही ये जागरूकता भी फैलाते हैं कि आप सांप से डरे नहीं और जब भी कोई सांप दिखे, तो आप हमसे संपर्क करें हम उसे पकड़कर जंगल छोड़ आएंगे.
इसी क्रम में हम बिहार के एक ऐसे ही स्नेक सेवर (18 Year Old Snake Saver of Bihar in Hindi) के बारे में आपको बताते हैं जो मात्र 18 वर्ष के हैं और क़रीब 3 हज़ार सांपों को रेस्क्यू कर चुके हैं.
18 वर्ष के हरिओम चौबे
18 Year Old Snake Saver of Bihar in Hindi: हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम है हरिओम चौबे और वो मात्र 18 वर्ष के हैं. हरिओम चौबे बिहार के दलसागर गांव के रहने वाले हैं. हरिओम कई सालों से लोगों को सांपों से सांपों को लोगों से बचाने का काम कर रहे हैं.
दरअसल, जहां वो रहते हैं वहां हर साल बरसात के मौसम सांप लोगों को घर में घुस जाते हैं और काट लेते हैं. हर साल कई मौते सिर्फ़ सांप के काटने और समय पर इलाज न मिलने की वजह से होती है.
यही वजह है का 18 वर्षीय हरिओम चौबे सांपों को रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं. हरिओम न सिर्फ़ सांप बल्कि अन्य जानवरों को भी बचाने का काम करते हैं.
12 साल की उम्र में पकड़ा था पहला सांप
Snake Saver of Bihar Hariom Chaubey in Hindi: जानकर हैरानी होगी कि हरिओम चौबे ने अपनी ज़िंदगी का पहला सांप 12 वर्ष की उम्र में पकड़ा था. सांप को हरिओम ने पकड़कर एक तालाब में छोड़ दिया था. हरिओम उस सांप को देखने के लिए रोज उस तालाब में जाया करते थे. वहीं, जब ये बात उनके परिवार वालों को पता चली, तो सांपों के साथ इतना जुड़ाव रखने के लिए उन्होंने हरिओम को मना किया.
एक किताब ने बदल दी ज़िंदगी
18 Year Old Snake Saver of Bihar in Hindi: एक बार हरिओम के घर उनके चाचा (जो दक्षिण भारत में रहते हैं) आए और उन्हें भी हरिओम और सांपों के प्रति उनके जुड़ाव के बारे में पता चला. उन्होंने भतीजे को ‘स्नेक्स ऑफ इंडिया’ नाम की एक किताब दी.
क़रीब चार साल तक हरिओम ने उस किताब का बारीकी से अध्ययन किया. किताब के ज़रिये सांपों की विभिन्न प्रजातियों, सांपों को पकड़ने का तरीका, सांप काटने में क्या करना चाहिए , कौन से सांप ज़हरीले होते हैं और इससे जुड़ी तमाम बातें हरिओम ने जानी.
सांपों से जुड़े अंधविश्वास से लड़ रहे हैं
Snake Saver of Bihar Hariom Chaubey in Hindi: हरिओम न सिर्फ़ सांपों को रेस्क्यू करते हैं बल्कि सांपों से जुड़े अंधविश्वास को दूर करने का काम भी करते हैं. उनके अनुसार, कई बार लोग सांप के काटे को इश्वर का प्रकोप समझ लेते हैं. हरिओम एक घटना बताते हैं के एक बार गांव में एक व्यक्ति की मौत सांप के काटने से हो गई थी. इस पर गांव वालों का मानना था कि इश्वर ने उसकी प्रार्थना नहीं सुनी और उसे सज़ा दी है.
एक ही घर में 35 सांपों को किया रेस्क्यू
Snake Saver of Bihar Hariom Chaubey in Hindi: हरिओम बताते हैं कि वो अब तक 3 हज़ार सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. वहीं, एक बार उन्होंने एक ही घर में 35 कोबरा को रेस्क्यू किया था. दरअसल, वहां एक सांप आया और उसने कई सांपों को जन्म दिया और बाद में इसकी संख्या और बढ़ गई. अब सांप दिखने पर गांव के लोग हरिओम को बुलाते हैं. 2019 में हरिओम के पास फ़ोन आया और अब फ़ोन से ही लोग उन्हें बुला लेते हैं. हालांकि, गांव वाले उन्हें एक सपेरे की तरह ही देखते हैं.
बनाया है रेस्क्यू सेंटर
18 Year Old Snake Saver of Bihar in Hindi: हरिओम चौबे ने अपना रेस्क्यू सेंटर भी बनाया हुआ है. दरअसल, वो एक बार सिलीगुड़ी गए हुए थे, जहां उन्होंने रेस्क्यू सेंटर देखा. इसमें घायल जानवरों को रखा जाता था और फिर उन्हें छोड़ दिया जाता था. वो न सिर्फ़ सांप बल्कि कुत्ते, बिल्ली, उल्लू, गाय व बंदल जैसे जानवरों को भी रेस्क्यू करते हैं. वो सांपों के अलावा 152 जानवरों का रेस्क्यू कर चुके हैं. उन्हें हर दिन क़रीब 25 कॉल आते हैं.
हरिओम ने सरकार से रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिए ज़मीन की मांग की, लेकिन सरकार ने इस बात को नज़रअंदाज़ कर दिया. इसके बाद हरिओम ने 10 कट्टा ज़मीन पट्टे पर ली और वहां रेस्क्यू सेंटर बना डाला. लेकिन, कुछ महीनों पहले किसी ने उनके रेस्क्यू सेंटर में आग लगा दी, जिससे उन्हें काफ़ी नुकसान हुआ. वो फिर से अपना रेस्क्यू सेंटर बनाने के काम में जुटे हुए हैं.