A Timeline Of Attack On Freedom Of Journalists And Media House In India: इन दिनों BBC अपनी न्यूज़ नहीं बल्कि उस पर हुई आयकर विभाग की सर्वे को लेकर सुर्खियों में है. बहुत से पत्रकारों और अन्य लोगों का मानना है कि BBC की एक डॉक्यूमेंट्री जो हाल के दिनो में चर्चा में थी, उसकी वजह से ये छापा मारा गया है. जबकि, केंद्र की बीजेपी सरकार ने इसे वित्तीय गड़बड़ी को लेकर इनकम टैक्स का सर्वे बताया है. जिसकी जांच इनकम टैक्स की टीम तीन दिनों से कर रही है.
![bbc raid in delhi](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/WhatsApp-Image-2023-02-14-at-12.42.42-PM.jpg?w=1024)
विपक्ष सहित बहुत से मीडिया हाउसेस ने इस प्रेस की आज़ादी पर आघात कहा. वैसे ये पहली बार नहीं है जब किसी पत्रकार या मीडिया हाउस पर किसी सरकार द्वारा अंकुश या प्रेस को कुचलने की कोशिश की गई हो. अतीत में पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है. चलिए जानते हैं 2002 से लेकर अब तक पत्रकारिता को दबाने की नाकाम कोशिश के बारे में आपको बता देते हैं.
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इसके साथ ही हम आपको उस साल भारत की विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (World Press Freedom Index) में क्या रैंकिंग थी ये भी बता रहे हैं.
1. 2002
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जून 2002 में Kashmir Times के ब्यूरो चीफ़ इफ़्तिखार गिलाना को अरेस्ट किया था. उन पर Official Secrets Act के तहत आर्मी की खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप था. बाद में वो रिहा हो गए थे.
World Press Freedom Index Ranking: 26.5
2. 2003
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पंजाब केसरी के एक जर्नलिस्ट की 3 अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जाता है कि वो लगातार अपने आर्टकल्स मे एक लोकल राजनेता के ख़िलाफ लिख रहे थे.
World Press Freedom Index Ranking: 39
3. 2004
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अगस्त 2004 में मुंबई के एक मराठी अख़बार महानगर के एडिटर पर दो लोगों ने चाकू से हमला कर दिया. साजिद राशिद लगातार तीन तलाक़ के विरूद्ध अपने विचार अख़बार के माध्यम से पोस्ट करते थे.
World Press Freedom Index Ranking: 38.5
4. 2005
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South Asian Tribune के एक पत्रकार को धमकी भरे कॉल और ईमेल्स भेजे गए. उन्होंने भारत के पड़ोसी राज्यों के प्रतिकूल ख़बरें छापने से मना कर दिया था. रिपोर्ट में बताया गया कि अरुण कुमार राजनाथ को कथित तौर पर सरकारी एजेंट्स के द्वारा धमकाया गया था.
World Press Freedom Index Ranking: 27
5. 2006
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साल 2006 में सरकार ने लगभग 20 वेबसाइट और ब्लॉग पर बैन लगा दिया था. भारत में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) ने तब कहा था कि उन्हें दूरसंचार विभाग से इस संदर्भ में आदेश मिले थे. इन्होंने मुंबई ट्रेल ब्लास्ट पर रिपोर्टिंग की थी.
World Press Freedom Index Ranking: 26.5
6. 2007
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शिवसेना के पूर्व अध्यक्ष को विलेन बताने पर 2007 में शिवसैनिकों ने ऑटलुक के ऑफ़िस पर अटैक कर दिया था. हमलावरों ने एडिटर के न मिलने पर खिड़की, कंप्यूटर और ऑफ़िस के फ़र्नीचर को तहस-नहस कर दिया था.
World Press Freedom Index Ranking: 39.3
7. 2008
![Hindustan correspondent Vikas Ranjan Murder](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/whatsapp-image-2021-09-15-at-80650-pm_1631716895.jpg?w=1024)
बिहार के समस्तीपुर ज़िले में हिंदुस्तान अख़बार के लिए रिपोर्टिंग करते थे पत्रकार विकास रंजन. उनकी 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वो लगातार शहर में हो रहे अपराध और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ मुखर होकर लिखते थे. उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली थी.
World Press Freedom Index Ranking: 30
8. 2009
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/2009.png?w=789)
एक फ़्रीलांस जर्नलिस्ट जय मंडल पर 20 बाइकर्स ने अटैक कर दिया. वो पश्चिम बंगाल में एक राजनीतिक रैली को कवर कर रहे थे, तब TMC का बैंड पहने बाइकर्स ने उनपर हमला कर दिया.
World Press Freedom Index Ranking: 29.3
9. 2010
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/2010.png?w=1024)
इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार विजय सिंह जब इलाहाबाद में स्टाम्प और न्यायिक कर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता का साक्षात्कार राज्य-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगायाले रहे थे. तभी उनके घर के बाहर एक ब्लास्ट हुआ, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत और 7 घायल हो गए थे. विजय भी घायल थे और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यू हो गई.
World Press Freedom Index Ranking: 38.7
10. 2011
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/2011.png?w=1024)
छत्तीसगढ़ में फ़्रीलांस जर्नलिस्ट को पुलिस ने गिरफ़्तार कर उन पर राज्य-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा दिया. पत्रकार लिंगाराम कोडोपी ने रिपोर्ट बनाई थी कि कैसे दंतेवाड़ा ज़िले के तीन गांवों को पुलिस द्वारा नष्ट कर दिया माओवादी विरोधी पुलिस अभियान के नाम पर.
World Press Freedom Index Ranking: 58
11. 2012
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कर्नाटक में पुलिस ने एक टीवी जर्नलिस्ट को मारपीट का ख़ुलासा करने के लिए गिरफ़्तार कर लिया. नवीन सूरिंजे ने एक कार्यक्रम में महिलाओं के साथ हुई मारपीट और शोषण की रिपोर्टिंग की थी.
World Press Freedom Index Ranking: 58
12. 2013
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छत्तीसगढ़ में एक माओवादियों ने एक पत्रकार को चाकू मारकर हत्या कर दी. देशबंधु के रिपोर्टर साई रेड्डी राज्य में गिरती स्वास्थ्य, शिक्षा, जल आपूर्ति की व्यवस्था और भ्रष्टाचार के बारे में लिखते थे. वो अपने लेखों में माओवादियों और सरकार की आलोचना किया करते थे.
World Press Freedom Index Ranking: 58.3
13. 2014
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साल 2014 में पत्रकारों पर हमले के देशभर में 113 मामले दर्ज किए गए. सरकार ने राज्य सभा में एक सवाल का जवाब देते हुए ये आंकड़े पेश किए. इन के में 30 लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई थी.
World Press Freedom Index Ranking: 59.5
14. 2015
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जगेंद्र सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार थे जो कई हिंदी अख़बारों के लिए लिखते थे. उनका राजनीति और समसामयिक मामलों पर गंभीर रूप से रिपोर्टिंग करना कुछ लोगों को पसंद नहीं आया और उनकी जलाकर हत्या कर दी गई.
World Press Freedom Index Ranking: 59.5
15. 2016
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टीवी न्यूज़ चैनल NDTV India को इस साल एक दिन के लिए प्रतिबंधित कर दिया था सरकार ने. सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक समिति ने उसे भारतीय वायुसेना पर हुए एक हमले के दौरान रणनीतिक रूप से संवेदनशील जानकारी लीक कर दी थी. इसके अलावा एक भारतीय पत्रकार की सिवान में हत्या कर दी गई. राजदेव रंजन हिन्दुस्तान अख़बार के लिए लिखते थे.
World Press Freedom Index Ranking: 56
16. 2017
![prannoy roy](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/60095-qejayzbuxq-1560528898.jpg?w=1024)
इस साल NDTV के मालिका और वरिष्ठ पत्रकार प्रणय रॉय के घर पर CBI ने छापेमारी की. उन पर बैंक से फ़्रॉड करने का आरोप लगा था. चैनल ने इसे पुराने मामले में परेशान करने की कोशिश बताया था.
World Press Freedom Index Ranking: 57
17. 2018
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द क्विंट के दफ़्तर पर IT डिपार्टमेंट ने रेड डाली थी. इस दौरान दफ़्तर में चैनल के संस्थापक राघव बहल भी मौजूद थे. उन पर आयकर चोरी करने का आरोप था. इसी साल देश के जानेमाने वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी को भी नौकरी गंवानी पड़ी थी. उन्होंने नौकरी से निकाले जाने के बाद इंटरव्यू में कहा था, उनको पीएम मोदी का नाम लेने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने घुटने टेकने से ज्यादा इस्तीफा देना सही लगा.
World Press Freedom Index Ranking: 56.7
18. 2019
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/2019.png?w=1024)
एक न्यूज़ वेबसाइट के मालिक रवि प्रकाश को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. उन्होंने कुछ इंटरव्यूज़ को अपनी वेबसाइट से हटाने से इनकार कर दिया था. इसी साल यूपी में योगी सरकार ने एक पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कराया था, क्योंकि उसने मिड डे मील में मिल रही नमक-रोटी का वीडियो बनाया था.
World Press Freedom Index Ranking: 54
19. 2020
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/2021.png?w=1024)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2020 में जम्मू कश्मीर के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार Greater Kashmir के ऑफ़िस में छापा मारा था. मीडिया ने इसे पत्रकारिता को कमज़ोर करने की साजिश बताया था.
World Press Freedom Index Ranking: 54
20. 2021
![Mandeep Punia](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/MandeepPunia_Facebook_02022021_1200.jpg?w=750)
किसान आंदोलन को कवर कर रहे दो पत्रकारों को पुलिस ने सिंधु बॉर्डर से गिरफ़्तार किया. पत्रकार मंदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसी साल Newsclick.in, दैनिक भास्कर, भारत समाचार टीवी चैनल पर भी छापे पड़े थे. इसी साल खुलासा हुआ था कि लगभग 40 पत्रकारों के मोबाइल में Pegasus Spyware की मदद से जासूसी करवाई गई थी. इस पर पार्लियामेंट से लेकर मीडिया तक में हंगामा हुआ था. साथ में गुजरात के कच्छ ज़िले की एक अदालत ने अडानी समूह द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता के ख़िलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
World Press Freedom Index Ranking: 53
21. 2022
![Attack on freedom of journalists and media house In India In](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/02/bcd4b18c-1df5-4daf-bcf2-ebbc54e1e353jpg.jpg?w=1024)
Alt News के पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर को भी इसी साल गिरफ्तार किया गया था. पिछले साल जुलाई में I-T विभाग ने देश के प्रमुख समाचार पत्रों में से एक दैनिक भास्कर के कार्यालयों पर छापा मारा था. अख़बार पर टैक्स चोरी का आरोप था. इसी साल बिहार के एक पत्रकार सुभाष कुमार महतो की गोली मारकर हत्या कर दी गई. CAAJ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 2017 से फरवरी 2022 के बीच पत्रकारों के उत्पीड़न के कुल 138 मामले दर्ज किए गए.
World Press Freedom Index Ranking: 41