Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच पिछले कुछ दिनों से घमासान मचा हुआ है. इन दो पड़ोसी मुल्कों के बीच जारी जंग का ख़ामियाज़ा न केवल इनके नागरिक, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों के नागरिक भी भुगत रहे हैं. यूक्रेन में भारत के क़रीब 30 हज़ार छात्र भी पढ़ाई कर रहे थे. भारत सरकार इनमें से कई छात्रों को वापस ले आई है, जबकि अब भी हज़ारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुये हैं. बीते मंगलवार को रूसी हमले में 1 भारतीय छात्र की मौत हो गई थी. यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान अब तक जान-माल का काफ़ी नुकसान हो चुका है. रूस ने यूक्रेन के कई अहम सैन्य ठिकानों को भी नष्ट कर दिया है.

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बीते रविवार को रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला करते हुये दुनिया के सबसे बड़े विमान (World’s Largest Plane) को भी नष्ट कर दिया है. यूक्रेन-रूस युद्ध के चौथे दिन रविवार को रूसी सेना ने कीव के पास गोस्टोमेल में स्थित ‘एंटोनोव हवाई अड्डे’ पर मौजूद दुनिया के सबसे बड़े विमान ‘Antonov An-225 Mriya’ को नष्ट कर दिया है. एंटोनोव एन-225 मरिया (Antonov An-225 Mriya)

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यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर करते हुये लिखा, ‘ये दुनिया का सबसे बड़ा विमान AN-225 ‘मारिया’ (यूक्रेनी में ‘ड्रीम’) था. रूस ने भले ही हमारे ‘मरिया’ को नष्ट कर दिया हो, लेकिन वो कभी भी एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय राष्ट्र के हमारे सपने को नष्ट नहीं कर पाएंगे’.

इस विमान का प्रबंधन देखने वाली यूक्रेनियन स्टेट डिफ़ेंस कंपनी उक्रोबोरोनप्रोम ने भी रविवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘विमान 24 फ़रवरी से कीव के पास गोस्टोमेल में स्थित ‘एंटोनोव हवाई अड्डे’ पर रखरखाव के लिए खड़ा था. मरम्मत के दौरान इसके इंजन पर काम किया जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने से पहले ही रूसी सेना ने हमले में इसे नष्ट कर दिया. अब रूस के खर्च पर इसे फिर से बनाया जाएगा. इसकी लागत 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसमें 5 साल का वक़्त लगने का अनुमान है.

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क्यों दिया गया था ‘मरिया’ नाम? 

यूक्रेन का एंटोनोव एन-225 मरिया (Antonov An-225 Mriya) दुनिया के सबसे बड़े कार्गो विमान के रूप में पहचाना जाता था. इसे ‘मरिया’ के नाम से भी जाना जाता था, जिसका अर्थ यूक्रेनी भाषा में ‘सपना’ होता है. दुनिया के इस सबसे विशालकाय जहाज़ को सन 1980 के दशक में डिज़ाइन किया गया था. कीव स्थित ‘एंटोनोव कंपनी’ द्वारा केवल एक AN-225 का निर्माण किया गया था. एंटोनोव एन-225 मरिया (Antonov An-225 Mriya)

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प्रारंभ में सोवियत वैमानिकी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में निर्मित Antonov An-225 Mriya ने 1 दिसंबर, 1988 को अपनी पहली उड़ान भरी थी. सोवियत संघ के पतन के बाद इसने सालों तक कोई उड़ान नहीं भरी. इसके बाद साल 2001 में ‘मरिया’ ने कीव से लगभग 20 किलोमीटर दूर गोस्टोमेल में एक परीक्षण उड़ान भरी. ये कार्गो उड़ानों के लिए यूक्रेन की एंटोनोव एयरलाइंस द्वारा संचालित किया गया है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत में इसे कई तरह के महत्वपूर्ण कार्यों में इस्तेमाल किया था.

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क्या थी ‘Antonov An-225 Mriya’ की ख़ासियत?

एंटोनोव एन-225 मरिया (Antonov An-225 Mriya) अब तक का सबसे लंबा और सबसे भारी हवाई जहाज है. इसकी मैक्सिमम रेंज 15,400 किमी और मैक्सिमम स्पीड 850 किमी प्रति घंटा थी. 84 मीटर लंबा ये विशालकाय विमान एक बार में मैक्सिमम 640 टन वजन ले जाने में सक्षम था. 6 टर्बो फैन इंजनों द्वारा संचालित इस कार्गो विमान का वज़न 250 टन था.

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‘मरिया’ के नाम है ये वर्ल्ड रिकॉर्ड

दुनिया का सबसे बड़ा विमान ‘मरिया’ 1,89,980 किलोग्राम का सिंगल आइटम एयरलिफ्ट करके ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बना चुका है. नासा ने इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष यान के लिए किया था. ऐसी कई खूबियों के चलते इसे दुनिया का सबसे भारी-भरकम विमान भी कहा जाता था. इसे बनाने वाले इंजीनियरों ने AN-124 के बेस का इस्तेमाल किया था, ताकि बाद में भी इसके इंजन की क्षमता को बढ़ा सकें.

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80 के दशक में बना एंटोनोव एन-225 मरिया (Antonov An-225 Mriya) इस तरह का एकमात्र विमान था जो आज तक सेवा में था, लेकिन रूसी हमले में नष्ट होने के साथ ही इसका अस्तित्व भी हमेशा-हमेशा के लिए ख़त्म हो गया है.