ब्रहमांड के रहस्यों को सुलझाने और एक नई अनदेखी दुनिया की तलाश को इंसान हमेशा से उत्सुक रहा है. ऐसे में समय-समय पर अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाते रहे हैं. अब तो स्पेस में घूमने आम लोग भी जाने लगेंगे. ऐसे में वैज्ञानिकों के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं. वैसे पहले भी अंतरिक्ष यात्रियों को काफ़ी मुश्किलें आती थीं, मगर अब ‘स्पेस एनिमिया’ (Space anemia) एक बड़ा ख़तरा महसूस होने लगा है. 

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दरअसल, अंतरिक्ष में जाने से यात्रियों के खून में लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) कम होने लगती हैं. इसे ही स्पेस एनिमया कहते हैं. ऐसे में इनका बहुत ज़्यादा कम हो जाना, यात्रियों के लिए काफ़ी परेशानी का कारण बन सकता है. ये ऐसी समस्या है, जिसका समाधान वैज्ञानिक तलाशने में लगे हैं. 

कैसे होता है स्पेस एनिमिया?

वैज्ञानिक स्पेस एनिमिया से पहले से परिचित हैं. मगर वो इसे अब तक एक अस्थायी समस्या समझते आए थे. मगर नई शोध में इसे लेकर चिंता जताई गई है.

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दरअसल, अंतरिक्ष में जाने पर RBC तेज़ी से नष्ट होते हैं. ऐसा क्यों होता है ये अभी भी वैज्ञानिकों के लिए एक सवाल बना हुआ है. सामान्यतया एक मानव शरीर में एक सेकेंड में 20 लाख लाल रक्त कोशिकाएं मर जाती हैं, मगर वो फिर से बन भी जाती हैं. लेकिन नई रिसर्च के मुताबिक, अंतरिक्ष में RBC नष्ट होने की ये दर बढ़कर प्रति सेकेण्ड 30 लाख हो जाती है.

कनाडा की ओटावा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 14 अंतरिक्ष यात्रियों का अध्ययन किया है. उनके मुताबिक, धरती पर रहने वाले लोगों के मुकाबले स्पेस में शरीर में करीब 54 फीसदी तक लाल रक्‍त कोशिकाओं की कमी देखी गई है. लंबी अतंरिक्ष यात्राओं में इसका काफ़ी असर हो सकता है. क्योंकि, शोधकर्ता इसे लेकर निश्चित नहीं हैं कि शरीर लगातार कितने समय तक इसकी भरपाई कर सकता है.

हालांंकि, अंतरिक्ष में परेशानी नहीं होती, क्योंकि वहां ग्रैविटी नहीं है. दिक्कत तो तब होती है, जब आप धरती पर वापस आएं या फिर किसी दूसरे गृह पर उतरें. शोधकर्ताओं ने पाया है कि अंतरिक्ष से लौटेने के एक साल बाद भी एस्ट्रोनॉट की लाल रक्त कोशिकाओं में कमी खत्म नहीं हुई है. 

क्यों ख़तरनाक है लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की कमी?

लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cells) का मुख्य काम खून के बहाव के साथ शरीर के हर टिश्यू तक ऑक्सीजन की सप्लाई करना है. साथ ही, ये संक्रमण से भी बचाव करती है, क्योंकि चोट लगने पर ये कोशिकाएं ही संक्रमण के लक्षणों की जांच कर इम्यून सिस्टम तक पहुंचाती हैं. RBC की मात्रा कम होने पर हमारे शरीर में ऑक्सीजन घटने लगती है. नया ख़ून बनना भी बाधित होता है. इसे ही एनीमिया कहा जाता है.

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ऐसे में इंसान काफ़ी कमज़ोर महसूस करता है. नई रिसर्च में भी ये सामने आया है. शोधकर्ताओं ने पाया कि एस्ट्रोनॉट धरती पर वापस लौटने पर काफ़ी थका हुआ महसूस करते हैं. उन्हें कमज़ोरी लगती है. मांसपेशियां भी कमज़ोर हो जाती हैं. इस दौरान उनका शरीर ठीक से काम नहीं करता. उन्हें एक्सरसाइज़ करने में भी परेशानी होती है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर एनीमिया होने का कारण पता चल सके, तो इसे ठीक करने का उपाय भी खोजा जा सकता है. इससे न सिर्फ़ अंतरिक्ष यात्रियों को फ़ायदा होगा, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद मरीज़ों का भी इलाज हो सकेगा.