B.Com Graduate Sells Idli Sambhar On Bike: “कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस इंसान की सोच छोटी या बड़ी होती है.” जीवन में अगर आपने ये एक बात सीख ली, तो कभी निराशा हाथ नहीं आएगी. आपको ढेरों उदाहरण मिल जाएंगे जब इंसानों ने बुलंद हौसलों के बल फ़र्श से अर्श तक का सफ़र तय किया. परिस्थिति आपकी सोच से विपरित हो सकती है, बस हारना नहीं है.
ऐसी ही प्रेरक कहानी बी.कॉम के एक स्टूडेंट (B.com idli wala) की है, जिन्होंने पढ़ाई तो अच्छी की, लेकिन जॉब नहीं मिल पाई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इडली-सांभर बेचना शुरू कर दिया.
आइये, विस्तार से जानते हैं बाइक को चलता-फिरता इडली-सांभर (B.Com Graduate Sells Idli Sambhar On Bike) का स्टॉल बनाने वाले बी.कॉम इडली वाले की कहानी.
पिता की मृत्यु के बाद घर की ज़िम्मेदारी
B.Com Graduate Sells Idli Sambhar On Bike: हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम है अविनाश कुमार शुक्ला, जो फ़रीदाबाद की सड़कों पर इडली-सांभर बेचने का काम करते हैं. बहुतों के मन में ये सवाल आ सकता है कि एक बी-कॉम स्टूडेंट को भला ये काम क्यों करना पड़ गया. कहते हैं न परिस्थिति हर इंसान की एक जैसी नहीं होती है. किसी के लिए आसान, तो किसी के लिए चुनौती से भरी.
अविनाश ने ज़िंदगी में काले बादल तब छाए, जब उनके पिता का हार्ट अटैक से निधन हो गया. इसके बाद घर की पूरी ज़िम्मेदारी उनके सिर आ गई. उन्होंने 2019 में अपना बी.कॉम पूरा किया था. इसके बाद घर का खर्चा चलाने के लिए उन्होंने McDonald’s में तीन साल काम किया. इसके अलावा उन्होंने रिलायंस ट्रेंड और अमेज़न के लिए भी काम काम किया है. लेकिन, पिछले कुछ महीनों से उनके पास कोई जॉब नहीं थी.
चूंकी उन्होंने McDonald’s में काम किया था, तो उन्होंने फ़ूड बिज़नेस शुरू करने का सोचा.
पिता की गिफ़्ट की बाइक को बनाया चलता-फिरता स्टॉल
B.Com Graduate Sells Idli Sambhar On Bike: आर्थिक हालात ठीक न होने की वजह से उनके पास उतने पैसे नहीं थे कि इडली-सांभर बेचने के लिए कोई दुकान किराए पर ले पाते. ऐसे में उन्होंने पिता की गिफ़्ट की बाइक को ही चलता-फिरता इडली-सांभर का स्टॉल बना लिया. वो फ़रिदाबाद की सड़कों में इडली-सांभर बेचने लग गए. ये बाइक अविनाश के पिता ने उन्होंने 12वीं पास करने की ख़ुशी में गिफ़्ट की थी.
कैसे आया इडली सांभर बेचने का ख़्याल
दरअसल, अविनाश की पत्नी चेन्नई से हैं और उन्होंने दक्षिण भारतीय डिश बनानी आती हैं, जिसमें इडली-सांभर भी शामिल है. फिर क्या था यहीं से उन्हें इडली-सांभर बेचने का आइडिया आ गया. अविनाश मात्र 20 रुपए में इडली-सांभर की एक प्लेट बेचते हैं. एक ग़रीब इंसान भी उनके पास आकर हेल्दी इडली-सांभर का मज़ा उठा सकता है. इडली के अलावा, वो वड़ा और स्टफ़्ड इडली भी बेचते हैं.
जानकारी के अनुसार, अविनाश का एक डेढ़ साल का बेटा भी है और उनके साथ उनकी माता और छोटे भाई-बहन साथ रहते हैं.
अविनाश की कहानी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट में बताना न भूलें.