अनलॉक 1.0 का पहला फ़ेज़ सोमवार यानि 8 जून से शुरू हो रहा है. इसके तहत धार्मिक स्थल दोबारा खोले जाएंगे, लेकिन उसके पहले ही भोपाल में एक पुजारी ने मंदिर में सैनिटाइज़र के इस्तेमाल का विरोध कर दिया है. 

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सरकार की ओर से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीज़र (SOP) के तहत लोगों को कम से कम छह फीट की दूरी रखनी होगी. साथ ही अनिवार्य रूप से फ़ेस कवर, खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को ढकना और कम से कम 40-60 सेकंड के लिए साबुन से हाथ धोने सहित सैनेटाइज़र का इस्तेमाल शामिल है. 

मां वैष्णवधाम नव दुर्गा मंदिर के पुजारी चंद्रशेखर तिवारी का कहना है, ‘सरकार का काम दिशा-निर्देश जारी करना है, लेकिन मैं मंदिरों में सैनिटाइज़र मशीन के ख़िलाफ़ हूं क्योंकि इसमें एल्कोहल होता है.’ 

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मंदिर के पुजारी ने आगे कहा, ‘हम शराब पीकर जब मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं तो एल्कोहल से हाथ सैनिटाइज़ करके कैसे घुस सकते हैं.’ 

उन्होंने लोगों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक ऑप्शन दिया. उन्होंने कहा, ‘हाथ धोने की मशीन सभी मंदिरों के बाहर लगाइए, वहां पर साबुन रखिए, उसको हम स्वीकार करते हैं. वैसे भी मंदिर में तो व्यक्ति घर से नहा कर आता है और प्रवेश करता है.’ 

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केंद्र ने अपने निर्देशों में कहा है कि जूते वगैरह अपनी गाड़ी में ही उतार कर अंदर आना होगा. साथ ही मूर्तियों और पवित्र पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं है. वहीं, प्रसाद वितरण और पवित्र जल छिड़कने पर भी मनाही है. 

रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत और गीतों की सिफ़ारिश की गई है. गाना बजाने वालों या गायन समूहों को बुलाने पर मनाही है. गाइडलाइन में कहा गया है कि पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करना होगा. मंदिर में सार्वजिनक मैट का इस्तेमाल करने के बजाय भक्त ख़ुद अपनी पर्सनल मैट लेकर आएं, जिसे अपने साथ वापस ले जा सकते हैं.