कोरोना वायरस के चलते देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण प्रवासी मज़दूरों हालात बेहद ख़राब है. अब तक 100 से अधिक प्रवासी मज़दूर या तो भूख से या फिर हज़ारों किमी पैदल चलकर अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें से क़रीब 50 मज़दूर ऐसे भी थे जिन्होंने सड़क हादसों अपनी जान गंवाई.
देशभर से ग़रीब मज़दूरों के मरने का सिलसिला जारी है…

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन से भी एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है. भूख, गर्मी और डिहाइड्रेशन से बेहाल एक महिला ने स्टेशन पर ही दम तोड़ दिया. इस दौरान उसका ढाई साल का मासूम बच्चा मां को ढंके ‘कफ़न’ को हटाकर उसे जगाने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसे नहीं मालूम कि मां अब कभी नहीं उठेगी.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही हर कोई हैरान है. हैरानी बात तो ये है कि इंसानियत को शर्मसार कर देनी वाली ये घटना रेल प्रशासन की नज़रों के समक्ष हुई है.
बिहार के मुजफ्फरपुर का ये वीडियो हैं जहां एक बच्चा रेलवे स्टेशन पर मां से खेल रहा, उसे जगा रहा
— Kavish (@azizkavish) May 26, 2020
उसे नही पता उसकी मां हमेशा के लिए सो चुकी है, भीषण गर्मी में चार दिन से ट्रेन में भूखी प्यासी मां की मौत हो गयी pic.twitter.com/xQCRby2q5P
उपरोक्त महिला के पहले से ही बीमार होने की पुष्टि उनके परिवार ने की है, जो 23 मई 2020 को अहमदाबाद से कटिहार के लिए ट्रेन में चढ़ी थी और 25 मई 2020 को इनके देहांत हो जाने पर मुज्ज़फरपुर स्टेशन पर उनके परिवार द्वारा उतार लिया गया था।
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) May 27, 2020
आग्रह है कि इस तरह ग़लत ख़बरों को ना फैलाए।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो में आप रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर लेटी एक महिला को देख सकते हैं. इस दौरान उसे एक कपड़े से ढंका गया है, लेकिन उसका मासूम बच्चा उसे ढंके ‘कफ़न’ को हटाने की कोशिश कर रहा है. ज़ाहिर सी बात है पर मां उसकी बात नहीं सुन रही.
छोटे बच्चे को नहीं मालूम कि जिस चादर के साथ वह खेल रहा है वह हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सो चुकी माँ का कफ़न है। 4 दिन ट्रेन में भूखे-प्यासे रहने के कारण इस माँ की मौत हो गयी। ट्रेनों में हुई इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन? विपक्ष से कड़े सवाल पूछे जाने चाहिए कि नहीं?? pic.twitter.com/pdiaHuS9vf
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) May 27, 2020
बताया जा रहा है कि ये महिला श्रमिक ट्रेन के ज़रिए मुज़फ़्फ़रपुर पहुंची थी. इस महिला ने शनिवार को गुजरात से ट्रेन ली थी और सोमवार को मुज़फ़्फ़रपुर में ट्रेन से उतरने के थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई. जिसके बाद महिला के शव को स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म पर ही लिटा दिया गया था.

महिला के परिवारवालों ने बताया कि ट्रेन में खाने-पीने को कुछ न मिलने पर उसकी तबियत ख़राब हो गई थी. ट्रेन से उतरने बाद बाद भी किसी ने भी उसकी नहीं की.
ढाई साल के एक अन्य बच्चे की भी मौत
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सोमवार से अब तक ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ में भूख-प्यास, गर्मी और डिहाइड्रेशन से बेहाल 9 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है.
धिक्कार है हमारी व्यवस्था पर। इन हादसों के बावज़ूद इंसानियत के कलंक हुक्मरानों को शर्म नहीं आती!
— Rajan Singh (@rajansi45) May 27, 2020
मुझे शर्म आ रही हैं कि मेरे देश मे ऐसी सरकार हैं जो बस हर मुद्दे में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती है। हम कहा पहुच गए है क्या किसी ने उम्मीद की थी कि इतने अच्छे दिन आएंगे
— रविश कुमार (Parody) (@Ravishk356) May 27, 2020
भयानक और लज्जित
— Unbreakable (@aeJFwk9IvUA23bE) May 27, 2020
महामारी पूरे विश्व में फैली हुई है, लेकिन गरीब मजदूरों के ऐसे वीडियो किसी देश से नहीं आये।
इन सारी खबरों को अन्तराष्ट्रीय मीडिया कवर कर रही है, देश का नाम डुबो दिया इन मोदड़ी वालों ने।
भारत विश्व गुरु था, उसको पूरा घण्टाल बना दिया।