Bravery Award To 6 Year Old Girl: वीरता दिखाने की कोई उम्र नहीं होती. 6 साल की वीरांगना झाला ने कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया. कहा जाता है कि मुसीबत कभी भी बताकर नहीं आती है. जब मुसीबत के वक्त कोई अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाता है तो उसकी कहानी हम सबके लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाती है.

इस 6 साल की बच्ची ने भी 60 लोगों की जान बचाकर ऐसा ही कुछ कर दिखाया. इसीलिए उन्हें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) के मौके पर वीरता पुरस्कार (National Bravery Award) भी दिया जाएगा. हम आपको 6 साल की वीरांगना की बहादुरी की कहानी बताने जा रहे हैं.

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6 साल की बहादुर बच्ची की कहानी (6 Year Old Brave Girl Story)

वीरांगना झाला अहमदाबाद की रहने वाली हैं

वीरांगना झाला अहमदाबाद के राजपथ क्लब के पास स्थित पार्क व्यू की रहने वाली हैं. ये कहानी 7 अगस्त 2022 की है.

Bravery Award To 6 Year Old Girl: जहां रोज़ की तरह वो टीवी के सामने बैठकर कार्टून देख रही थी और अचानक से जैसे ही उसने रिमोट का बटन दबाया तो, उसमें से एक चिंगारी निकल कर आई और अचानक से उस चिंगारी ने विकराल आग का रूप ले लिया. हालांकि 6 साल के बच्चों में इतनी समझ नहीं होती है. लेकिन इस बच्ची ने कमाल कर दिखाया. रोने और चिल्लाने की बजाए उसने समझदारी दिखाई और सूझ-बूझ से काम लिया. तुरंत ही वीरांगना ने सबको अलर्ट किया.

वीरांगना ने 60 लोगों की जान बचाई

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वीरांगना की माता का नाम कामक्क्षी और पिता का नाम आदित्य सिंह है. आग लगते ही वीरांगना ने अपने माता और पिता को सबसे पहले सूचना दी. उसके बाद उन्होंने खुद की सोसाइटी और आस पास की सोसाइटी में जाकर सबको अलर्ट किया. अपनी सूझ-बूझ से वीरांगना ने कुल 60 लोगों की जान बचाई. इसीलिए सरकार ने उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया. अब 26 जनवरी को वीरांगना को सम्मानित किया जाएगा.

1969 में इनके दादाजी को भी भारत के बेस्ट कैडेट का मैडल मिला था

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Bravery Award To 6 Year Old Girl: ये हादसा वीरांगना के जन्मदिन के कुछ दिन पहले ही हुआ था. बता दें कि वीरांगना के दादाजी कृष्णकुमार सिंह झाला को भी 1969 में एक एनसीसी कैडेट के तौर पर ऑल इंडिया बेस्ट कैडेट का मेडल मिला था. उन्हें ये मैडल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था.

सच में बहादुरी की मिसाल है ये साहसी बच्ची!