कोरोना संकट के बीच पिछले 20 दिनों से भारत-चीन के बीच लद्दाक व उत्तरी सिक्किम में नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है. दुनियाभर में कोरोना फैलाने के आरोप झेल रहे चीन ने ध्यान भटकाने के लिए अब भारत के लद्दाक में सीमा पर गश्त लगाना शुरू कर दिया है.  

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बीते मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संसद सत्र के दौरान ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ और ‘पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स’ के प्रतिनिधियों की एक बैठक के दौरान सबसे ख़राब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज़ करने के आदेश दिए हैं. 

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बताया जा रहा है कि इस बैठक में शी जिनपिंग ने डिफ़ेंस में साइंटिफ़िक इनोवेशन पर ज़ोर देते हुए कहा कि क्षा बजट का एक-एक पैसे का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए कि अधिक से अधिक नतीजे मिल सकें. इससे पहले 22 मई को चीन ने अपना रक्षा बजट 6.6% बढ़ाकर 179 अरब डॉलर कर दिया, जो भारत के रक्षा बजट का क़रीब तीन अधिक गुना है. 

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बता दें कि चीन ने पिछले कुछ दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. चीन की सेना ने भारतीय इलाक़ों में घुसपैठ कर अस्थाई ठिकाने भी बनाए हैं। इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस महीने तीन बार सैनिकों की झड़प भी हो चुकी है. 

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प्रधानमंत्री मोदी ने हाईलेवल मीटिंग इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए. इसके बाद पीएम मोदी ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से भी चर्चा की. 

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इस मीटिंग से पहले लद्दाख में बढ़ते तनाव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीडीएस व तीनों सेनाओं के प्रमुखों से क़रीब 1 घंटे की मीटिंग हुई थी.