एक चाय लवर के लिये चाय से बढ़ कर कुछ नहीं. चाय पीने के लिये वो किसी भी मुश्किल से गुज़र सकता है. अब 73 वर्षीय कोरोना मरीज़ को ही देख लीजिये. चाय के लिये वो अस्पताल से ही भाग गये. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना कर्नाटक के मैसुरु की है. नगरभावी के रहने वाले बुज़ुर्ग को कोरोना वायरस हो गया था. रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद मंगलवार रात उन्हें एक मैसूर रोड स्थित अस्पताल पहुंचाया गया. सुबह के पांच बजे होंगे, मरीज़ को चाय की तलब लगी और उसने अस्पताल कर्मचारी से चाय के लिये कहा. 5 से सुबह के 7.30 बज गये थे, पर मरीज़ को तब तक चाय नहीं मिली. 

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चाय की तलब से परेशान बुज़ुर्ग चुपचाप अस्पताल से निकल गया. वहीं जब वो दुकान पर चाय पीने के लिये पहुंचा, तो वहां मौजूद ग्राहन ने उससे हाथ में लगी वीगो के बारे में पूछा. इस दौरान बुज़ुर्ग ने अपने कोरोना पीड़ित होने का ज़िक्र किया. बुज़ुर्ग की ये बात सुन कर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गये. 

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चाय स्टॉल लगाने वाले नारायण एलसी का कहना है कि बुज़ुर्ग की बात सुनने के बाद सभी ग्राहकों ने चाय का ग्लास नीचे रखा और भाग खड़े हुए. यहां तक लोगों ने मुझे पैसे भी नहीं दिये. इसके बाद उन्हें अपनी दुकान भी बंद करनी पड़ी. इसके साथ ही नारायण फ़ौरन अस्पताल के लिये निकल गये और स्टॉफ़ को बुज़ुर्ग की जानकारी दी. 

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वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा तुरंत उनके परिवार को सूचित किया गया और रात 8 बजे के करीब उन्हें वॉर्ड में शिफ़्ट किया गया. बुज़ुर्ग के परिजनों ने अस्पताल पर लपारवाही बरतने का आरोप लगाया है. घरवालों का कहना है कि डेढ़ लाख रुपये देने के बाद भी उनके पिता को एक कप चाय तक नहीं दी गई. अगर अस्पताल से चाय मिल जाती, तो उन्हें बाहर नहीं पड़ता. 

चाय के लिये ऐसी दीवानगी देखी नहीं. 

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