Dalai Lama controversy: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा एक वीडियो के वायरल होने के बाद विवादों में फंस गए हैं. वायरल वीडियो (Viral Video) में वो एक बच्चे के होठों को किस कर रहे हैं और उससे ख़ुद की ‘जीभ चूसने’ को कह रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो पिछले महीने भारत में हुए एक कार्यक्रम का है. विवाद बढ़ने के बाद दलाई लामा ने अपनी इस हरकत के लिए माफी मांग ली है. बयान के मुताबिक, ‘दलाई लामा लोगों से बेहद मासूमियत के साथ मिलते हैं, वो इस घटना पर ख़ेद जताते हैं.’ (Dalai Lama controversial video kissing boy suck his tongue)

Dalai Lama controversial video kissing boy suck his tongue

हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब दलाई लामा को लेकर कोई विवाद हुआ हो. इससे पहले भी वो विवादों में रहे हैं और उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी है.

महिलाओं पर की विवादित टिप्पणी

दलाई लामा ने 2019 में महिलाओं पर टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर उनकी उत्तराधिकारी एक महिला होती है तो वो आकर्षक होनी चाहिए. उनकी इस टिप्पणी की दुनियाभर में आलोचना हुई थी. यह टिप्पणी उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान की थी, लेकिन विवाद बढ़ने पर उन्हें इसके लिए माफी मांगनी पड़ी.

विवाद बढ़ने के बाद उनके निजी कार्यालय की ओर से कहा गया कि आध्यात्मिक नेता का मकसद किसी को चोट पहुंचाना नहीं था. उन्होंने मज़ाक में ये बात कही थी. इस बात के लिए उन्हें ख़ेद है. वो हमेशा से महिला-पुरुष समानता के समर्थक रहे हैं. उन्हें अफ़सोस है कि उनकी बात से लोगों को दुख पहुंचा है. इसके लिए वे माफ़ी मांगते हैं.

जब जवाहरलाल नेहरू को बताया आत्मकेंद्रित

दलाई लामा ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर भी विवादित बयान दिया था. साल 2018 में उन्होंने नेहरू को आत्मकेंद्रित बताया था. उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, मगर नेहरू का रवैया भारत का पहला पीएम बनने पर आत्मकेंद्रित था. उन्होंने दावा किया कि अगर जिन्ना की इच्छा पूरी हो गई होती तो वो भारत का विभाजन नहीं होता. उनके इस बयान को लेकर भी काफ़ी विवाद हुआ था, जिसके बाद उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी थी.

शरणार्थियों पर दिया विवादित बयान

2028 में ही दलाई लामा ने यूरोप में रह रहे शरणार्थियों पर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यूरोपीय यूनियन में आए सभी शरणार्थियों को अपने देश वापस लौट जाना चाहिए. उनका मानना था यूरोप, यूरोपीय लोगों के लिए है. हालांकि, उन्होंने बाद में सफ़ाई देते हुए कहा कि उनकी इस बात को ग़लत समझा गया. बयान के मुताबिक़, ‘वो इस की प्रशंसा करते हैं कि ज़्यादातर लोग जिन्होंने अपना देश छोड़ा है अब वापस जाना नहीं चाहते हैं.’

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