गुरुवार को जहां दिल्ली एक तरफ़ ठंड से ठिठुर रही थी, वहीं दूसरी तरफ़ दिल्ली के नागरिक पूरे संकल्प के साथ, सड़कों पर दिखे. लेकिन पुलिस भी किसी तरह के हिंसात्मक प्रदर्शन के लिए मुस्तैद दिखी.


रिपोर्ट्स के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले विरोध के लिए पहले से ही तैयारियां कर ली थीं. एहतियात बरतते हुए पुलिस ने दिल्ली और गुरुग्राम बॉर्डर पर बैरिकैडिंग कर दी है और दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन्स के एंट्री और एक्ज़िट गेट को बंद करने के आदेश दिये हैं.  

DMRC ने ट्वीट्स की सीरीज़ में बताया कि दिल्ली मेट्रो के 17 मेट्रो स्टेशन बंद रहेंगे. ये मेट्रो स्टेशन हैं, लाल क़िला, जामा मस्जिद, चांदनी चौक, विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जसोला विहार, शाहीन बाग, मुनीरका, पटेल चौक, लोक कल्याण मार्ग, उद्योग भवन, आईटीओ, प्रगति मैदान, ख़ान मार्केट, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, मंडी हाउस और वसंत विहार


दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि लेफ़्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च की परमिशन मांगी थी, पर उन्हें नहीं दी गई है. मित्तल ने ये भी बताया कि स्वराज अभियान ने लाल क़िले से शहीद पार्क तक विरोध मार्च करने की परमिशन मांगी थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया है.    

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बीते 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था और पुलिस ने बर्बरता दिखते हुए हॉस्टल, लाइब्रेरी और कैंपस में घुसकर छात्रों को मारा था. 17 दिसंबर को दिल्ली के सीलमपुर में नागरिकता संशोधन एक्ट के ख़िलाफ़ हो रहा विरोध भी अचानक आक्रामक हो गया था.