दुनिया के अमीर शख़्स एलन मस्क (Elon Musk) ने 44 बिलियन डॉलर (3369 अरब रुपये) में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) को ख़रीद लिया है. इसके साथ ही एलन मस्क और ट्विटर के बीच हुई ये डील रकम के लिहाज़ से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी डील बन गई है. ट्विटर तीसरी टेक कंपनी है जिसे इतनी बड़ी डील मिली है. इससे पहले साल 2016 में Dell ने EMC को 67 अरब डॉलर में ख़रीदा था. जबकि साल 2022 में ही AMD ने Xilinx को 50 अरब डॉलर में ख़रीदा है.
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एलन मस्क (Elon Musk) ने कुछ समय पहले ही ट्विटर में 9 फ़ीसदी की हिस्सेदारी ख़रीदी थी, लेकिन वो इतने से ख़ुश नहीं थे. वो ट्विटर को पूरी तरह से अपने अधिकार में लेना चाहते थे. मस्क ने जब ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर का ऑफ़र दिया तो उसने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया. आज एलन मस्क की नेटवर्थ 245 अरब डॉलर पहुंच चुकी है. लेकिन साल 2020 में उनकी नेटवर्थ केवल 24 अरब डॉलर के क़रीब थी यानि ट्विटर के साथ हुई डील से लगभग आधी.
एलन मस्क (Elon Musk)
1- हर भारतीय को मिल सकते हैं ढाई-ढाई हज़ार रुपये
आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI के मुताबिक़, 2021 तक देश की अनुमानित जनसंख्या 136.09 करोड़ थी. एलन मस्क ने ट्विटर के साथ 44 अरब डॉलर की जो डील की है उस पैसे को अगर भारतीयों में बराबर बांट देते तो हर शख़्स को 2500-2500 रुपये मिलते.
2- भारत में पैदा हो सकती थी 1.32 करोड़ से अधिक नौकरियां
साल 2018 में वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि, 10 मिलियन डॉलर के निवेश से कम से कम 300 नौकरियां पैदा हो सकती हैं. अगर वर्ल्ड बैंक की इस बात को हम भारत में भी लागू करें तो 44 अरब डॉलर के निवेश से देश 1.32 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा हो सकती हैं.
3- भारत सरकार कर सकती थी शिक्षा पर 3 गुना से अधिक खर्च
भारत में शिक्षा पर जीडीपी का 3 फ़ीसदी से भी कम पैसा खर्च होता है, जबकि कम से कम 6 फ़ीसदी खर्च होना चाहिए. केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए शिक्षा बजट 1.04 लाख करोड़ रुपये रखा है. एलन मस्क ने जितने में ट्विटर से डील की है उस पैसे से भारत शिक्षा पर 10 फ़ीसदी खर्च कर सकता था.
4- भारत में बन सकते थे एम्स जैसे 150 से अधिक हॉस्पिटल
भारत में 1 एम्स अस्पताल बनाने में तक़रीबन 2000 करोड़ रुपये की लागत आती है. अगर एलन मस्क (Elon Musk) 44 अरब डॉलर भारत में ख़र्च करते तो देश में 150 से अधिक एम्स अस्पताल बन सकते थे.
5- भारत सरकार 2 साल तक बांट सकती थी फ़्री राशन
केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत देश के 80 करोड़ ग़रीबों को मुफ़्त राशन बांट रही है. इस दौरान हर परिवार के हर व्यक्ति को हर महीने 5 किलो अनाज दिया जाता है. इस योजना पर 3 महीने में क़रीब 46,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. लेकिन 44 अरब डॉलर से भारत में क़रीब 2 साल तक 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन मिल सकता था.
6- बन सकते थे नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसे 350 क्रिकेट स्टेडियम
गुजरात के अहमदाबाद में स्थित ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. क़रीब 63 एकड़ में फ़ैले इस स्टेडियम को बनाने में क़रीब 800 करोड़ रुपये ख़र्च हुये हैं. 44 अरब डॉलर की ट्विटर डील से भारत में ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ जैसे 350 स्टेडियम बनाए जा सकते थे.
7- गुजरात स्थित ‘स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी’ जैसी 112 मूर्तियां बन सकती हैं
गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति बनी है. इसकी ऊंचाई 182 मीटर है. इसे बनाने में तकरीबन 3000 करोड़ रुपये का खर्च आया है. अगर 44 अरब डॉलर देश में लगा दिए जाते तो ‘स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी’ जैसे 112 मूर्तियां बन सकती थीं.
8- भारत के 6 महीने के इनकम टैक्स कलेक्शन के बराबर है ये रक़म
भारत में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच 27.07 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स कलेक्शन हुआ था. जबकि एलन मस्क और ट्विटर के बीच 44 अरब डॉलर यानि 3.36 लाख करोड़ रुपये की डील हुई है. जो अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 के बीच कलेक्ट हुई रकम के बराबर है.
9- भारत के 9 राज्यों की जीडीपी से ज़्यादा है ये रकम
एलन मस्क (Elon Musk) और ट्विटर (Twitter) के बीच 44 अरब डॉलर यानि 3.36 लाख करोड़ रुपये की डील हुई है. ये रकम भारत के 9 राज्यों की जीडीपी से भी अधिक है.
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10- 44 अरब डॉलर में उतर सकता था श्रीलंका का कर्ज
श्रीलंका ने कुछ समय पहले ही ख़ुद को दिवालिया घोषित किया है. श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है. 44 अरब डॉलर में श्रीलंका का आधा से भी ज़्यादा कर्ज उतर सकता है.
चलिए अब आप भी बताइये भारत में ’44 अरब डॉलर’ कौन-कौन सी चीज़ें हो सकती थीं?