सरकार के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ पिछले 40 दिनों से किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच किसान सड़कों पर टेंट बनाकर रह रहे हैं, तो कुछ किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली में ही रातें गुज़ार रहे हैं. इस बीच जालंधर से किसान आंदोलन में भाग लेने सिंघु बॉर्डर पहुंचे एक किसान हरप्रीत सिंह ने अपने ट्रक को ही आलीशान घर में तब्दील कर दिया है.

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हरप्रीत सिंह के इस अस्थायी आवास में सोफ़ा, बेड, टीवी और यहां तक कि मोबाइल चार्जिंग पॉइंट के साथ एक कार्यात्मक शौचालय जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि इस अस्थायी घर को बनाने में डेढ़ दिन का समय लगा. इस काम में उनके एक दोस्त ने मदद की.

उन्होंने ANI को बताया कि, ‘मैं अपने बड़े भाई के कहने पर 2 दिसंबर को यहां पहुंचा था. मैंने अपना सारा काम छोड़कर सात दिन तक सिंघु बॉर्डर पर सेवा की. मुझे यहां रहते हुए घर की काफ़ी याद आती थी, तो मैंने सोचा क्यों न ट्रक को ही एक मेकशिफ़्ट अपॉर्टमेंट में तब्दील कर दिया जाए.’ 

हरप्रीत ने सिंघु बॉर्डर विरोध स्थल पर गुरुद्वारा साहिब रिवरसाइड कैलिफोर्निया लंगर सेवा भी खोली है, जहां राहगीरों और किसानों को चाय, नाश्ता और भोजन परोसा जाता है. हरप्रीत के मुताबिक, उनका लंगर हर रोज़ क़रीब 10 हज़ार लोगों की सेवा करता है. हरप्रीत के साथ उसकी पत्नी, बेटा, भतीजा और लगभग 80-90 हेल्पर्स की टीम मौजूद है. 

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बता दें, सरकार और किसानों के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए सोमवार को एक बार फिर बातचीत होगी. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने और MSP की लिखित गारंटी देने की अपनी मांग पर अड़े हैं. वहीं सरकार आज कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेगी.