Odisha Train Collision: 2 जून 2023 ओडिशा के लिए किसी काले और भयावह दिन से कम नहीं होगा क्योंकि एक ट्रेन दुर्घटना ने कई लोगों को अपनों से जुदा कर दिया. इनमें कुछ मृत पाए गए तो कुछ लापता हैं और कुछ की शिनाख़्त अभी तक बाकी है. ये हादसा ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेन एक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेनें, कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के आपस में भिड़ने से हुआ है. (Odisha Train Collision) इसमें अभी तक 300 से ज़्यादा लोग मृत पाए गए हैं.

Odisha Train Collision
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इस ट्रेन हादसे ने कई घरों को उजाड़ दिया है जिनमें से कुछ ने तो इस त्रासदी को स्वीकार कर लिया है लेकिन कुछ हैं जिन्हें अभी भी यक़ीन नहीं हो रहा है. दुर्घटना के बाद जब बचावकर्ता साइट पर पहुंचे और अधिकारियों ने पीड़ितों के बारे में जानकारी जारी की तो कई लोगों के मृत होने और लापता होने की ख़बरें सामने आईं. इन्हीं में से एक काफ़ी चौंकाने वाली घटना हुई जब एक पिता को बचावकर्ता ने उनके बेटे को मृत होने की सूचना दी तो उन्होंने बचावकर्ता पर विश्वास नहीं किया और अपने बेटे को खोजने लगे और एक पिता के विश्वास ने अपने बेटे को जीवित खोज भी लिया.

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यात्री विश्वजीत मलिक कोरोमंडल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे. इनके पिता, हेलाराम ने दुर्घटना के बारे में जानने के बाद उसे फ़ोन किया और पता चला कि विश्वजीत गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. इसके बाद पिता हावड़ा (जहां वे रहते हैं) छोड़कर ओडिशा के बालासोर ज़िले के लिए निकल गए. अस्पतालों में विश्वजीत को खोजने में विफल होने के बाद, उन्हें बहानागा हाई स्कूल जाने के लिए कहा गया, जिसे दुर्घटना के पीड़ितों के लिए अस्थायी मुर्दाघर बनाया गया है.

हेलाराम के साले दास ने बताया कि,

एक व्यक्ति ने हमसे कहा कि अगर हमें अस्पताल में कोई नहीं मिला, तो हमें बहानागा हाई स्कूल जाकर देखना चाहिए, जहां शव रखे गए थे. हम इसे स्वीकार नहीं कर सके, लेकिन फिर भी चले गए.

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अस्थायी मुर्दाघर में अपने बेटे को ढूंढने में एक पिता को काफ़ी दुख हुआ, लेकिन उन्हें विश्वास था कि उनका बेटा अभी भी जीवित है. अपने साले की मदद से हेलाराम ने पूरे मुर्दाघर की तलाशी ली और अपने बेटे को ढूंढ निकाला, उसका हाथ कांप रहा था. ये निश्चित रूप से उनके लिए एक उम्मीद थी. जल्द ही, वे विश्वजीत को बालासोर अस्पताल ले गए जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया.

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पिता ने एक काग़ज़ पर हस्ताक्षर किए और अपने बेटे को कटक मेडिकल कॉलेज (SCB Medical College & Hospital) अस्पताल में भर्ती कराया. विश्वजीत मलिक को कई फ़्रैक्चर हुए हैं और उनकी सर्जरी होनी है. कथित तौर पर, मलिक Suspended Animation नामक स्थिति से पीड़ित थे इसलिए बचावकर्ता इनकी Vitals की जांच करने में सक्षम नहीं थे क्योंकि ये स्थिति बहुत ही कम लोगों में पाई जाती है. हालांकि, भयानक दुर्घटना के बाद, इस परिवार के घर में सब ठीक है और उनका बेटा उन्हें मिल गया है.

SCB Medical College & Hospital
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हम प्रार्थना करते हैं कि मलिक परिवार की तरह ही बाकी पीड़ित परिवारों को उनके अपने जल्द से जल्द मिल जाएं.