दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत है. इसके साथ ही हमारा देश विश्व में तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए भी जाना जाता है. लेकिन एक और चीज़ है, जिसके लिए हम एक अलग पहचान रखते हैं और वो है हमारा ग़ैर-ज़िम्मेदार रवैया. जी हां, हम भारतीय हर चीज़ में सरकार को दोषी ठहराते हैं, लेकिन हम ख़ुद कितने पानी में कभी ग़ौर नहीं करते.

कभी नहीं देखते कि हमारा व्यवहार कैसा है, नियमों का पालन करने से हमारी शान घटती है, नागरिक के तौर पर सारे अधिकार मांगते हैं, लेकिन कर्तव्यों की बात मुंह पर ग़लती से भी नहीं लाते. कोई लाख समझा लें, लेकिन हमने न सुनने की क़सम खाई है. अगर विश्वास नहीं है, तो फिर यहां कुछ हालिया घटनाएं हैं, जो आपको एहसास दिलाएंगी कि हम भारतीय वास्तव में बेहतर सुविधाओं के लायक नही हैं.

1.रोहतांग या अटल टनल

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पीएम नरेंद्र मोदी को हिमाचल में दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग ‘अटल रोहतांग सुरंग’ का उद्घाटन किए अभी कुछ दिन बीते नहीं कि यहां तीन दुर्घटनाएं भी हो गईं.

अधिकारियों ने इन दुर्घटनाओं के लिए लापरवाही से ड्राइविंग करने को ज़िम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि ये दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग और रेसिंग की वजह से हुईं. लोगों ने 80 किमी / घंटा की गति सीमा का पालन नहीं किया, जबकि कुछ लोग सेल्फ़ी लेने के चक्कर में टनल के बीच में ही रूक गए.

2.तेजस एक्सप्रेस

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तेजस एक्सप्रेस इस बात का सबसे बढ़िया उदाहरण है कि हम भारतीय बेहतर सुविधाओं के कतई लायक नही हैं. क्योंकि मई 2017 में सफ़र की शुरुआत में यात्रियों को मनोरंजन के लिए जो हेडफ़ोन बांटे गए थे, उन्हें लोगों ने वापस करना ज़रूरी नहीं समझा था. सीधे शब्दों में वो इन्हें चोरी कर ले गए.

गाड़ी में लगी एलसीडी स्क्रीन में स्क्रैच मार दिए, ट्रेन के टॉयलेट्स को भी खूब गंदा किया गया, कई कोचों की खिड़कियों के शीशे सफ़र शुरू होने से पहले ही तोड़ दिए गए. एक बेहतरीन ट्रेन की हमने दर्गति कर डाली थी.

3.हम्पी में तोड़फ़ोड़

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साल 2019 में तीन लड़कों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो हम्पी के विष्णु मंदिर के स्तंभ को गिराते हुए नज़र आ रहे थे. इसे तोड़ते हुए ये लड़के बेहत ख़ुश और मस्ती में नज़र आ रहे थे, जिसके बाद लोगों का ग़ुस्सा भड़क गया. लोगों के प्रोटेस्ट के बाद खंभों को गिराते हुए वीडियो में नज़र आ रहे चार बदमाशों से उन स्तंभों को वापस खड़ा करवाया गया. 

The New Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त लोक अभियोजक गीता मिराज़कर के हवाले से बताया कि चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों की मौजूदगी में खंभों को वापस खड़ा करवाया गया. 

4.दिल्ली सिग्नेचर ब्रिज 

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साल 2018 में दिल्ली में यात्रियों के लिए नया सिग्नेचर ब्रिज खुला और इसके साथ ही उसके वहां खिलवाड़ भी शुरू हो गया. पुल के खुलते ही कुछ लोग वहां पागलपने के स्टंट करते नज़र आए. रिपोर्ट के मुताबिक, लोग यहां अपनी कारों की खिड़की के शीशे पर चढ़कर और तेज संगीत बजाते देखे गए. इतना ही नहीं, कुछ तो अपनी तस्वीरों को क्लिक करवाने के लिए सस्पेंशन केबल पर जाकर बैठ गए.

इसके साथ ही यहां केटीएम स्पोर्ट्स बाइक सवार दो युवक भी स्टंट करते हुए मर गए थे. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि युवक स्पीड में थे और स्टंट करने की कोशिश में कंट्रोल खो बैठे. इस दौरान उनकी बाइक सिग्नेचर ब्रिज की रेलिंग से जा टकराई.

5.चांदकी चौक में पैदल यात्रियों का रास्ता हुआ बरबाद

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पैदल यात्रियों के लिए चांदनी चौक को एक सुरक्षित स्थान में बदलने की योजना धराशायी हो गई. TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब रास्ता कंस्ट्रक्शन डंप से भर गया है. सीमेंट बैरिकेड और छोटे बोल्डर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.

पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि इसके लिए कोविड-19 लॉकडाउन को दोषी ठहरा दिया. उनका कहना है कि उनके पास निर्माण पूरा करने के लिए पर्याप्त मजदूर नहीं हैं. इस परियोजना को पहले प्रदूषण को रोकने के चलते रोक दिया गया था और फिर कोरोना के चलते इसकी लंबी और बढ़ गई.