भारत में कोविड-19 के सेकेंड वेव (Covid-19 Second Wave) ने देश के हर नागरिक की ज़िन्दगी बदल कर रख दी है. इलाज को लेकर तफ़रा-तफ़री मची हुई है, कहीं दवाई की कमी है तो कहीं ऑक्सिजन की. आम जनता के साथ ही डॉक्टर्स और फ़्रन्टलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) की मुश्किलें भी बढ़ी हैं. लोगों को जान बचाने के लिये हेल्थकेयर वर्कर्स (Healthcare Workers) को दिन-रात काम करना पड़ रहा है. 

The Wire

हेल्थकेयर वर्कर्स के जज़्बे की एक ऐसी ही ख़बर आई है गुजरात से. The Times of India की एक ख़बर के अनुसार, गुजरात के 2 डॉक्टर्स अपनी मां के गुज़रने के कुछ ही घंटों बाद वापस लोगों की जान बचाने के लिये ड्यूटी पर लौट आये. 

वडोदरा के एस.एस.जी अस्पताल (SSG Hospital) की डॉ. शिल्पा पटेल अपने मां की मृत्यु के 6 घंटे बाद ही ड्यूटी पर लौट आईं. बीते गुरुवार को सुबह 3:30 बजे उनकी मां की मौत हो गई. डॉ. पटेल की मां ने उनसे कहा था कि किसी भी चीज़ से पहले है, उनकी ड्यूटी. 

India Today

बीते गुरुवार को ही गुजरात के गांधीनगर में डॉ.राहुल परमार ने अपनी मां को खो दिया. मध्य गुजरात के सबसे बड़े अस्पताल में कोविड मैनेजमेंट ऐंड पार्ट ऑफ़ डेड बॉडी डिस्पोज़ल टीम के नोडल ऑफ़िसर (Nodal Officer) डॉ. परमार ने अपनी मां का क्रियाकर्म किया और उसके बाद कोविड वॉरियर का फ़र्ज़ निभाने अस्पताल लौट आये. डॉ. परमार ने कहा कि उनकी मां की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और वो परिवार के साथ अंतिम संस्कार पूरा कर वडोदरा लौट गये. एस.एस.जी अस्पताल में डॉ.परमार, Preventive And Social Medicine Department के साथ हैं. 

डॉ. परमार ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में वो संक्रमित हो गये थे. उन्हें Remdesivir दिया गया और 14 दिन क्वारंटीन में रहने के बाद वे ड्यूटी पर लौट गये थे. एक साल से ज़्यादा हो चुका है और डॉ. परमार परिवारजनों को मृतकों के शरीर सौंप रहे हैं. 

ट्विटर ने जज़्बे को सलामी दी-