IAS Officer Who Became Politicians: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में से एक मानी जाती है. भारत में हर साल लाखों युवा IAS बनने का सपना देखते हैं, लेकिन सपने किसी किसी के ही पूरे हो पाते हैं. हालांकि, भारत में ऐसे कई IAS अफ़सर रह चुके हैं, जिन्होंने ये प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ कर जन प्रतिनिधि बनना ज़्यादा उचित समझा, जिसके बाद उन्होंने राजनीति ज्वाइन कर ली. आज वो राजनीति में इस कदर जम चुके हैं लोगों को पता ही नहीं है कि वो कभी IAS अधिकारी भी रह चुके हैं.

आइए आज आपको ऐसे ही 10 IAS अफ़सरों (IAS Officer Who Became Politicians) के बारे में बताते हैं, जो बाद में नेता बन गए. 

1. मणि शंकर अय्यर

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने साल 1963 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) ज्वाइन की थी. इसके बाद वो साल 1989 में राजनीति में क़दम रखने के लिए अपने प्रशासनिक पद से रिटायर हो गए. वह 1991 में तमिलनाडु के मयिलादुतुरई से लोकसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद से ही उन्होंने सरकार में विभिन्न पदों पेट्रोलियम और नैचुरल गैस (2004-06), युवा मामले और खेल (2006-08) और पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास (2008-09) पर काम किया है.

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2. अजीत जोगी

अजीत जोगी ने जब राजनीति ज्वाइन करने का फ़ैसला किया था, तब वो ज़िला कलेक्टर थे. वो 1968 बैच के IAS अफ़सर थे. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में क़दम रखा था. वो छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने थे. कभी गांधी फ़ैमिली के वफ़ादार रहे जोगी को भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा और साल 2016 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनाई थी.  (IAS Officer Who Became Politicians)

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3. मीरा कुमार

मीरा कुमार का जन्म बिहार के आरा ज़िले में हुआ था. वो लोकसभा स्पीकर का पद संभालने वाली देश की पहली महिला बनी थीं. उनके पिता जगजीवन राम ने भारत के चौथे उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया था. मीरा ने साल 1973 में भारतीय विदेश सेवा ज्वाइन की थी और क़रीब 1 दशक से अधिक समय तक सेवा की. इसके बाद उन्होंने साल 1985 में हुए बिजनौर के उप-चुनाव में रामविलास पासवान और मायावती को हराकर राजनीति में एंट्री ली थी. 2004 में उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नियुक्त किया गया था. कांग्रेस ने साल 2017 में भारत के राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार को भी मैदान में उतारा, जब वह राम नाथ कोविंद से हार गई थीं. 

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4. यशवंत सिन्हा

पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने 1960 में IAS ज्वाइन किया और वो साल 1984 तक नौकरशाह रहे. वो इसके बाद चंद्रशेखर की यूनियन कैबिनेट में बतौर जनता दल के सदस्य के रूप में पहले वित्त मंत्री रहे थे. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली और अटल बिहारी वाजपेयी की सत्ता में सरकार के अंतर्गत वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे. साल 2018 में उन्होंने वर्तमान पार्टी नेतृत्व के मतभेदों के चलते बीजेपी छोड़ दी थी. उनके बेटे जयंत सिन्हा मौजूदा समय में संसद के सदस्य हैं. (IAS Officer Who Became Politicians)

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5. अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साल 1989 में IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की थी. साल 1992 में उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा जॉइन की थी. कुछ सालों बाद वो भारतीयों के लिए सूचना के अधिकार के प्रचारक बन गए और 2006 में उन्होंने उभरती लीडरशिप के लिए ‘रेमन मैग्सेसे’ पुरस्कार जीता. अपने साथी और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में केजरीवाल साल 2011 में जन लोकपाल आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बने और उन्होंने साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन करने के लिए उसी गति को इस्तेमाल किया. साल 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से सीएम बने. हालांकि, 49 दिनों के बाद, उनकी सरकार गिर गई. साल 2015 में वो सत्ता में लौटी और AAP ने 70 में से 67 सीटों के अभूतपूर्व बहुमत के साथ जीत हासिल की. 

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6. नटवर सिंह

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने साला 1953 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) ज्वाइन की और 31 सालों तक इस पद पर काम किया. बतौर IFS अफ़सर उनके कार्यकाल में चीन और यूएस जैसी महत्वपूर्ण एम्बेसी में उनकी पोस्टिंग हुई. साल 1984 में उन्होंने IFS छोड़ दी और कांग्रेस जॉइन कर ली. वो 8वीं लोकसभा में राजस्थान के भरतपुर से चुने गए. साल 1985 में राजीव गांधी की सरकार में वो इस्पात, कोयला व खान और कृषि मंत्रालयों के राज्य मंत्री रहे. उन्होंने मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में बतौर विदेश मंत्री भी काम किया था. 

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7. राज कुमार सिंह

आर. के. सिंह के नाम से मशहूर बीजेपी नेता राज कुमार सिंह 1975 बैच के बिहार कैडर के पूर्व IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के रूप में भी कार्य किया है. आर के सिंह साल 1990 में जब समस्तीपुर के ज़िला अधिकारी थे तब उन्होंने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथयात्रा के दौरान उन्हें अरेस्ट किया था. सिंह ने साल 2013 में बीजेपी ज्वाइन की थी. वो मौजूदा समय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं. (IAS Officer Who Became Politicians)

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8. हरदीप सिंह पुरी

बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी मौजूदा समय में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास व शहरी मामलों के मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने साल 1974 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) जॉइन की थी और उन्होंने यूके व ब्राज़ील के राजदूत के रूप में काम किया था. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में बीजेपी जॉइन कर ली.

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9. अल्फोंस कन्ननथनम

केरल के कोट्टयम ज़िले के रहने वाले बीजेपी नेता अल्फोंस कन्ननथनम 1979 बैच के रिटायर्ड अफ़सर हैं. अल्फोंस 1990 के दशक में दिल्ली विकास प्राधिकरण के आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए सुर्ख़ियों में आए, जब उन्होंने कई अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया और 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि को पुनः प्राप्त किया. इसके बाद उन्होंने साल 2011 में बीजेपी ज्वाइन की और 6 साल बाद राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने.

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10. सत्यपाल सिंह

बीजेपी नेता सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र कैडर के 1980 बैच के पूर्व भारतीय पुलिस सर्विस के अफ़सर हैं. वो मुंबई के पुलिस कमिशनर भी रह चुके हैं. साल 2014 में उन्होंने मुंबई पुलिस चीफ़ के पद से इस्तीफ़ा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. वो बागपत की सीट से साल 2014 के आम चुनावों में खड़े हुए और जीत हासिल की. वो मौजूदा समय में संसद के सदस्य हैं. 

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बेहद पढ़े-लिखे हैं ये नेता.