2 जून 2023..वो दिन जिसे ओडिशा (Odisha Train Collision) अपने काले दिनों में याद रखेगा. ओडिशा के बालासोर में इस दिन एक भयानक रेल हादसा हुआ, जिसमें क़रीब 288 लोगों की जान चली गई है और क़रीब एक हज़ार लोग घायल हैं. ये हादसा तीन ट्रेनों के बीच हुआ था. एक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेनें, कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस. इसमें एक ट्रेन पटरी से उतरी, फिर इसके बाद दूसरी ट्रेन पहली ट्रेन की बोगियों से टकराकर पटरी से उतर गई.

इस हादसे ने एक बार फिर देश में अतीत में हुई रेल दुर्घटनाओं की याद दिला दी है. आइए आपको इससे पहले हुए भारत में सबसे घातक रेल हादसों के बारे में बता देते हैं.

1-पुखरायां में ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतरे (20 नवम्बर 2016)

सुबह क़रीब 3.10 पर गाड़ी नंबर 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस 20 नवंबर 2016 को कानपुर के पास पुखरायां में पटरी से उतर गई थी. इस ट्रेन के एक या दो नहीं बल्कि 14 डिब्बे पटरी से उतरे थे, जिसमें 146 लोगों की मौत हो गई थी और क़रीब 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. 1999 के बाद इसे सबसे भयानक रेल हादसा कहा गया था.

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2-बेपटरी हुई थी जनेश्वरी एक्सप्रेस (28 मई 2010)

28 मई 2010 को पूर्वी राज्य बंगाल के कोलकाता से लगभग 83 मील पश्चिम में जनेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी और एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें 148 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हो गए थे.

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3-पटरी से उतरी थी जनता एक्सप्रेस (20 मार्च 2015)

20 मार्च, 2015 को यूपी के रायबरेली में जनता एक्सप्रेस देहरादून से वाराणसी जा रही थी. ये बीच रास्ते में पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 150 लोग घायल हुए थे. इस हादसे की वजह ब्रेक का फ़ेल होना बताया जा रहा था.

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4-बाढ़ में पुल बहने से हुआ हादसा (29 अक्टूबर 2005)

29 अक्टूबर 2005 में वेलिगोंडा ट्रेन हादसा काफ़ी भयानक था. हैदराबाद के पास वेलिगोंडा में अचानक आई बाढ़ में एक छोटा सा पुल बह गया था. उस पुल से जब ट्रेन गुज़री, तो हादसा हो गया और क़रीब 114 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे.

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5-रफ़ीगंज रेल हादसा (10 सितंबर 2002)

सुपर फास्ट ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस 10 सितंबर 2002 को बिहार के रफ़ीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में तकरीबन 130 लोगों की मौत हो गई थी. शुरुआत में हादसे की वजह पुल में जंग लगना बताया जा रहा था, मगर बाद में बताया गया कि दुर्घटना को नक्सलियों द्वारा अंजाम दिया गया था.

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6-गाइसल रेल हादसा (2 अगस्त 1999)

2 अगस्त 1999 को कोलकाता के पास गाइसल स्टेशन पर अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर हो गई थी. इसमें 300 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और क़रीब 600 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये संख्या सरकारी आंकड़ों से काफ़ी अधिक थी. इसमें मृतकों का आंकड़ा 1000 के पार बताया जाता है. बताया गया था कि उस ट्रेन की जनरल बोगियों में क्षमता से कई गुना ज़्यादा लोग थे.

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7-खन्ना रेल हादसा (26 नवंबर 1998)

26 नवंबर 1998 को पंजाब में उत्तर रेलवे के खन्ना-लुधियाना सेक्शन पर खन्ना के पास भयानक रेल दुर्घटना हुई थी. इसमें कलकत्ता से जाने वाली जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस अमृतसर-बाउंड ‘फ्रंटियर मेल’ के पटरी से उतरे 6 डिब्बों से टकरा गई थी. इस हादसे में कम से कम 212 लोगों की मौत हुई थी.

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8-फ़िरोज़ाबाद रेल हादसा (20 अगस्त 1995)

20 अगस्त 1995 को फ़िरोज़ाबाद में दो ट्रेनों की टक्कर के चलते एक बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें क़रीब 350 लोग मारे गए थे. फ़िरोज़ाबाद रेलवे स्टेशन की परिधि वाली जगह में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी थी. कालिंदी एक्सप्रेस की एक नीलगाय से टक्कर हो गई थी, जिसके चलते वो वहीं रुक गई थी. ट्रेन वहां खड़ी थी कि दूसरी ट्रेन को भी वहां से गुज़रने की मंज़ूरी दे दी गई और इतना बड़ा हादसा हो गया.

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