भारतीय मूल के डॉक्टर गौरव शर्मा ने न्यूज़ीलैंड की संसद में संस्कृत में शपथ लेकर इतिहास रच दिया. हाल ही में न्यूज़ीलैंड में हुए चुनावों में वो हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए हैं.

indiatimes

33 साल के डॉ. गौरव मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी हैं. उन्होंने नेशनल पार्टी के Tim Macindoe को 4,386 से अधिक मतों से हराया है. गौरव इससे पहले 2017 में भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब उन्हें हार मिली थी.

न्यूज़ीलैंड में इंडिया के हाई कमिश्नर मुक्तेश परदेशी ने ट्वीट किया कि, न्यूज़ीलैंड पार्लियामेंट में सबसे कम उम्र के नवनिर्वाचित सांसद डॉ. गौरव शर्मा ने पहले स्थानीय भाषा माउरी में शपथ ली, फिर उन्होंने संस्कृत भाषा में शपथ ली. डॉ. गौरव का ये कदम भारत और न्यूजीलैंड के सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनके गहरे समर्पण को दिखाता है.  

एक ट्विटर यूज़र को जवाब देते हुए डॉ. गौरव ने कहा कि उन्होंने संस्कृत भाषा को इसिलए चुना क्योंकि इसका हर भारतीय भाषा से किसी न किसी रूप से जुड़ाव है.

बता दें, डॉ. गौरव शर्मा 1996 में न्यूज़ीलैंड गए थे. अपने परिवार के शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने The Tribune को बताया कि उनके पिता को छह सालों तक कोई स्थायी नौकरी नहीं मिली थी. हालांकि, उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज गौरव इतने बड़े पद तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं.