Indian Railways: भारत में रेल को लाइफ़-लाइन के तौर पर भी जाना जाता है. ये हर वर्ग के लोगों के लिए यातायात का सबसे सुलभ और सस्ता साधन है. इस ट्रेन से अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए हर यात्री को टिकिट ख़रीदना अनिवार्य है. भारत में बिना ट्रेन टिकिट यात्रा करना ग़ैर क़ानूनी है. टिकिट हमारे बेहद काम की चीज़ होती है. इसे ख़रीदने के बाद हम इसलिए भी संभालकर रखते हैं क्योंकि रात्रा के दौरान टीटी और स्टेशन से बाहर निकलते वक़्त सिक्योरिटी गार्ड्स इसे चेक करते हैं. लेकिन बेहद साधारण सा दिखने वाले ये टिकिट बेहद ख़ास जानकारियों का खजाना होता है. डेट और डेस्टिनेशन के अलावा इस पर कई ऐसे नंबर भी लिखे होते हैं जो हमें इंडियन रेलवे (Indian Railways) से जुड़ी कई सारी जानकारियां देते हैं. हम इन जानकारियों से अब तक अनजान हैं.

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आज हम आपको ट्रेन टिकिट पर लिखे ‘5 अंकों’ के एक बेहद ख़ास नंबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे हम अक्सर इग्नोर कर देते हैं. लेकिन इसके मायने जानकर आप हैरान जायेंगे. इंडियन रेलवे (Indian Railways)

5 अंकों का ये नंबर क्यों है इतना ख़ास?   

दरअसल, भारतीय रेलवे (Indian Railways) के टिकिट पर 5 अंकों (5 Digits) का एक विशेष नंबर लिखा होता है, जो ट्रेन की पहचान होता है. ये डिजिट 0 से 9 तक के होते हैं. इसी तरह ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट बेहद ख़ास होता है जो 0 से 9 के बीच कोई भी हो सकता है. इस दौरान हर डिजिट का अलग-अलग मतलब होता है. इसमें 0 का मतलब है ये ‘स्पेशल ट्रेन’ (समर स्पेशल, हॉलीडे स्पेशल या अन्य स्पेशल) है.

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जानिए ‘5 अंकों’ वाले ट्रेन टिकिट में 1 से 4 डिजिट का क्या मतलब होता है?

1- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 1 है तो इसका मतलब ट्रेन लंबी दूरी की है. ये राजधानी, शताब्दी, ग़रीब रथ, दूरंतो, जन साधारण और संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनें होगी.

2- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 2 है तो ये ट्रेन भी लंबी दूरी की ही होती है. पहले और दूसरे डिजिट की ट्रेनें एक ही श्रेणी में आती हैं.

3- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 3 है तो समझ जाइये ये ट्रेन ‘कोलकाता सब अरबन’ ट्रेन है.

4- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 4 है तो समझ जाइये ये ट्रेन दिल्ली, चेन्नई, समेत अन्य मेट्रो सिटी की ‘सब अरबन ट्रेन’ है.

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जानिए 5 से 9 तक डिजिट का क्या मतलब होता है?

1- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 5 है तो ये ‘सवारी गाड़ी’ है.

2- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 6 है तो ये ‘मेमू ट्रेन’ है.

3- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 7 है तो ये ‘डेमू ट्रेन’ है.

4- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 8 है तो ये ‘आरक्षित ट्रेन’ है.

5- अगर ‘5 अंकों’ के इस नंबर का पहला डिजिट 9 है तो ये मुंबई की ‘सब अरबन ट्रेन’ है.

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अगर किसी ट्रेन टिकट के 5 अंकों (5 Digits) के नंबर के पहले डिजिट 0, 1 और 2 से शुरू होते हैं तो बाकी के 4 डिजिट ‘रेलवे ज़ोन’ और ‘डिजिवन’ को दर्शाते हैं. अगर ‘5 अंकों’ के ट्रेन टिकट के पहले डिजिट 5, 6 और 7 में से कोई एक होता है तो उनका दूसरा डिजिट ‘ज़ोन’ और बाकी डिजिट ‘डिविजन कोड’ की जानकारी देते हैं. भारतीय रेलवे (Indian Railways)

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0- कोंकण रेलवे.

1- सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे और वेस्ट-सेंट्रल रेलवे.

2- ‘सुपरफ़ास्ट’, ‘शताब्दी’ और ‘जन शताब्दी’ को दिखाता है.

3- ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे.

4- नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे और नॉर्थ रेलवे. 

5- नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे.

6- साउथर्न रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे. 

7- साउथर्न सेंट्रल रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे.

8- साउथर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे. 

9- वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे. 

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बता दें कि ‘5 अंकों’ के इस नंबर को हम ‘ट्रेन नंबर’ के तौर पर भी जानते हैं.

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