कुछ दिनों पहले इंदौर के ‘गुटखा किंग’ किशोर वाधवानी को टैक्स चोरी के मामले में Directorate General Of GST Intelligence (DGGI) ने मुंबई से गिरफ़्तार किया था. उन पर 233 करोड़ रुपये के GST चोरी करने आरोप था. उन्हें DGGI ने 105 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी करने का भी दोषी पाया है. 

दरअसल, लॉकडाउन के समय में भी किशोर वाधवानी की कंपनी Ellora Tobacco Company Limited तंबाकू के प्रोडक्ट्स को बनाती रही और अलग-अलग राज्यों में इनकी सप्लाई बिना रोक-टोक होती रही. इससे वाधवानी ने करोड़ों रुपए का मुनाफ़ा कमाया, लेकिन उसने सरकार को अपनी इस कमाई पर टैक्स नहीं दिया.

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वाधवानी को DGGI की टीम ने 15 जून को मुंबई के एक होटल से ऑपरेशन कर्क के तहत गिरफ़्तार किया था. उन पर कुल मिलाकर 400 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी का आरोप है. उन्हें इंदौर वापस लाने के बाद ज़िला मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने उन्हें DGGI की टीम को वाधवानी को पांच दिन के लिए रिमांड पर सौंप दिया है. DGGI को अपनी जांच में पता चला है कि वाधवानी और उसके साथियों ने रियल इस्टेट, होटल इंडस्ट्री और मीडिया सहित 8 कंपनियों को खोल इनमें भारी मात्रा में निवेश किया है.

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यही नहीं वाधवानी का एक पाकिस्तानी कनेक्शन भी मिला है, जिसका नाम संजय माटा है. DGGI को शक़ है कि उन्होंने अपना काला धन पाकिस्तान में इनवेस्ट किया है. इसके अलावा वाधवानी के पास से दुबई का रेज़िडेंस वीज़ा भी मिला है. उन्हें कुछ ऐसे कागज़ भी मिले हैं जिनसे पता चलता है कि आरोपी ने दुबई के होटल कारोबार में निवेश किया है.

टैक्स चोरी के इस मामले में वाधवानी के दूसरे साथी संजय माटा, विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा पहले ही गिरफ़्तार किए जा चुके हैं.

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