Inspiring Story Of PC Musthafa: हर इंसान की ज़िंदगी में तकलीफ़े होती हैं. थोड़ी ज़्यादा-थोड़ी कम, मगर मुश्किलों से कोई नहीं बचा है. लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं, इन्हीं परेशानियों से अपने हालात को बदलने का हौसला जुटा लेते हैं. पीसी मुस्तफ़ा (P.C. Musthafa) ऐसे ही लोगों में से एक हैं. एक कुली का बेटा जिसने स्कूटर पर इडली-डोसा बेचकर आज करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी. और आज लोग उन्हें ‘ब्रेकफ़ास्ट किंग’(Breakfast King) के नाम से जानते हैं.

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कुली का बेटा कैसे बना ब्रेकफ़ास्ट किंग

पीसी मुस्तफ़ा रेडी टू ईट कंपनी ID Fresh Food के मालिक हैं. उनका जन्म केरल के वायनाड में एक छोटे से गांव चेन्‍नालोडे में हुआ था. उनका बचपन बेहद ग़रीबी में गुज़रा. पिता कॉफी बागान में कुली का काम करते थे. छोटी ही उम्र में मुस्तफ़ा के सिर पर पिता के काम में हाथ बंटाने की ज़िम्मेदारी आ गई. वो स्कूल से आने के बाद पिता के साथ लग जाते थे. ऐसे में वो ठीक से पढ़ नहीं पाते थे. नतीजा छठीं क्लास में वो फ़ेल हो गए.

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इस असफ़लता ने उन्हें काफ़ी चोट पहुंचाई और उन्होंने कुछ बेहतर करने की ठान ली. 10वीं में उन्होंने पहला स्थान हासिल किया. फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो समझ गए थे कि अगर लाइफ़ में कुछ बड़ा हासिल करना है तो पढ़ना ही पड़ेगा. आगे उन्होंने इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी में कंप्‍यूटर साइंस में डिग्री ली. उनकी मेहनत रंग लाई और एक कुली का बेटा अमेरिका जा पहुंचा. वहां उन्हें एक भारतीय स्‍टार्टअप मैनहैट्टन एसोसिएट्स में नौकरी मिल गई.

जब अमेरिका छोड़ कर भारत लौटे P.C. Musthafa

मुस्तफ़ा की ज़िंदगी में अब सब कुछ था. बस नहीं थी संतुष्टि. दरअसल, उन्हें मन मुताबिक काम करने का अवसर नहीं मिल रहा था. ऐसे में वो साल 2003 में अमेरिका से वापस आ गए. दूसरों के लिए ये फ़ैसला भले ही बेवकूफ़ी भरा रहा हो, मगर मुस्तफ़ा जानते थे कि वो क्या कर रहे हैं.

उनके दिमाग़ में आईडी फ्रेश का आइडिया जन्म ले चुका था. साल 2005 में उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी. महज़ 25,000 रुपये के निवेश से उनका स्टार्टअप शुरू हुआ. हालांकि, आईडी फ्रेश की औपचारिक शुरुआत साल 2010 में मानी जाती है.

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ख़ैर, मुस्तफ़ा की इस कंपनी में इडली-डोसा बनाने के लिए जरूरी मिश्रण को बेचा जाता है. अपने इस नए काम में उन्हें अपने चेचेरे भाईयों का साथ मिला. शुरुआत में मुस्तफ़ा सामान को स्‍कूटर पर लादकर बेचने जाते थे. उस वक़्त उनकी कंपनी एक दिन में अपने प्रोडक्ट के मात्र 100 पैकेट बेच पाती थी. मगर आज यही कंपनी ए‍क दिन में 50,000 पैकेट की सेल करती है. उनके प्रोडेक्ट सैंकड़ों स्‍टोर्स और कई शहरों में उपलब्ध हैं.

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इतना ही नहीं, आज उनकी कंपनी ग्रामीणों को रोज़गार भी दे रही है. आज देश में ब्रेकफास्‍ट किंग के नाम से पहचाने जाने वाले पीसी मुस्तफा की कंपनी 650 लोगों को रोजगार दिया हुआ है. वहीं, कंपनी का सालाना टर्नओवर 300 करोड़ से ज़्यादा का हो चुका है.

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