Shark Tank India 2 Dobiee: टीवी शो शार्क टैंक इंडिया ने छोटे से छोटे व्यक्ति को एक Entrepreneur बनने का मौक़ा और जज़्बा दोनों दिए हैं. अगर आपके पास आइडिया है तो शार्क्स आपका वेलकम पूरे दिल से करेंगे और आप पूरे आत्मविश्वास के साथ उसे शार्क्स के सामने पेश कर सकते हैं. शार्क्स को यूनिक आइडिया के साथ-साथ उसे पेश करने का तरीक़ा भी यूनिक ही चाहिए ताकि, वो उस पर इंवेस्ट करने की सोचें.
शार्क टैंक इंडिया का सीज़न 2 (Shark Tank India 2) आ रहा है, जिसमें अभी तक पूनम बिर कस्तूरी और पाटिल काकी अपने आइडिया के लिए शार्क्स से लाखों का अमाउंट हासिल कर चुकी हैं. इसके 15वें एपिसोड में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जहां एक बाप-बेटे की जोड़ी ने शार्क्स को हंसाते-हंसाते उनसे लाखों का फ़ंड हासिल कर लिया.
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Sharks भी इनके आइडिया को सुनकर हैरान रह गए थे, चलिए इन बाप-बेटे की जोड़ी और इनके यूनिक आइडिया के बारे में जानते हैं.
ये कहानी एक शख़्स की है, जो कभी बस, गाड़ियों और बस स्टैंड पर पानी की बोतलें बेचा करते थे, यहां तक कि लोगों की गाड़ियों में कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें खोलकर भी देते थे, बस इसी काम को करते-करते उन्हें एक आइडिया आया, जिसने इन्हें करोड़ों की कंपनी का मालिक बना दिया. इनका नाम है, मुकेश धर्मशी, जो गुजरात के रहने वाले हैं और डोबी (Dobiee) (Shark Tank India 2 Dobiee) नाम की कंपनी के फ़ाउंडर हैं, जो बच्चों की कैंडी बनाती है, जिन्होंने शार्क्स से 75 लाख रुपये के फ़ंड की डिमांड की.
मुकेश धर्मशी ने अपनी कंपनी की शुरुआत के बारे में बताते हुए कहा कि,
जब मैं बस स्टैंड पर पानी की बोतलें बेचता था, तो मैं कुछ लोगों को टॉफ़ी बेचते देखता था, उन्हें देखकर एक सवाल जो मेरे ज़हन में आता था वो ये कि बच्चों को टॉफ़ी इतनी पसंद होती है आख़िर ये बनती कैसे हैं? इस सवाल का जवाब पाने के लिए मैंने एक कैंडी बनाने वाली कंपनी में जॉब कर ली और मैंने वहीं पर कैंडी बनाना सीखा. फिर मैं ख़ुद कैंडी बनाने लगा और उसे ख़ुद ही दुकानों पर जाकर बेचने लगा.
आगे बताया,
मैंने इस काम की शुरुआत के कुछ समय बाद अपने बेटे अर्जुन धर्मशी को भी अपने साथ जोड़ लिया. अर्जुन ने MBA किया है और वो मैकैनिकल इंजीनियर हैं. पिता ने जिस बिज़नेस में मेहनत और दिमाग़ लगाया उसमें बेटे ने अपने स्मार्ट वर्क से मार्केटिंग करके कंपनी की वैल्यूएशन को 11 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया.
वैसे देखा जाए तो पिता-बेटे की इस जोड़ी का आइडिया इतना यूनिक नहीं था, लेकिन मार्केट वैल्यू के हिसाब से काफ़ी सटीक था. इसके चलते, सभी शार्क्स इंवेस्ट करने के लिए आपस में लड़ गए. इसमें जीत हासिल हुई CarDekho के CEO अमित जैन को, उन्होंने 75 लाख रुपये तो नहीं, लेकिन मुकेश धर्मशी को 72 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट दिया, 6.5% इक्विटी के लिए.
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आपको बता दें, साल 2021 में शुरू हुई इस कंपनी में रोज़ 1 से 1.5 टन कैंडीज़ बनती हैं और अभी तक कंपनी 9 लाख से अधिक कैंडीज़ बेच चुकी है.