पढ़ने-लिखने के लिये न कोई सही समय होता है और न सही उम्र. अब जैसे झारखंड के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो को ही देख लीजिये. 10वीं पास महतो ने 11वीं क्लास में एडमिशन लिया है. 

यही नहीं, उन्होंने एडमिशन लेते समय अपने कद का फ़ायदा नहीं उठाया. महतो बोकारो नावाडीह के देवी महतो इंटर कालेज में एडमिशन लेने के लिये सभी छात्रों की तरह लाइन में लगे. अपना नबंर आने पर उन्होंने एडमिशन फ़ॉर्म भर कर जमा किया. इतना ही नहीं, वो मीडिया के सामने अपनी 10वीं की मार्कशीट दिखाने में भी नहीं हिचके. 53 साल के मंत्री ने इस उम्र में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरा करने का निर्णय लिया. 

इस उम्र में पढ़ाई का निर्णय क्यों? 

मंत्री जगरनाथ महतो का कहना है कि जब वो शिक्षा मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तब उनके विरोधियों ने उनका काफ़ी मज़ाक बनाया था. पढ़ाई के प्रति ज़ज़्बा उन्ही विरोधियों को जवाब है. मंत्री जी अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ-साथ अपना मंत्रालय भी देखेंगे और जनता की सेवा भी करेंगे. 

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अगर मंत्री जी अब पढ़ सकते हैं, तो आप क्यों नहीं? 

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