यूं तो देश और दुनिया भर में रोज़ाना हज़ारों चोरी की घटनाएं होती हैं. लेकिन बेंगलुरु में शनिवार को एक जापानी नागरिक द्वारा की गई चोरी की वारदात हर तरफ़ चर्चा का विषय बन गई है.   

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दरअसल, भारत में अंग्रेज़ी सीखने आए 31 साल के जापानी नागरिक हिरोटोशी टनाका ने एक भ्रष्‍ट पुलिसकर्मी का पर्दाफ़ाश करने के लिए जानबूझकर एक जुर्म कर डाला. उसने आधी रात को बेंगलुरु के जेसी नगर असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (ACP) ऑफ़िस से एक कुर्सी चुरा ली. टनाका ने ये इसलिए किया क्‍योंकि वो चाहता है पुलिस उसे जेल में डाल दे.  

Indianexpress की रिपोर्ट के मुताबिक, टनाका भारत में ही रहकर उस पुलिसकर्मी का पर्दाफ़ाश करना चाहता है, जिसने उसे एक फ़र्जी केस में फंसाया था. हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने तब उस केस को ख़ारिज भी कर दिया था. लेकिन विदेशी नागरिकों के लिए बने फ़ॉरेनर्स रीजनल रजिस्‍ट्रेशन ऑफ़िस (FRRO) ने उसे 28 फ़रवरी तक भारत छोड़ने के लिए कह दिया. ऐसे में उसने इस चोरी की घटना को अंजाम दिया, ताकि पुलिस उसे अरेस्ट कर ले और उसे देश में ज़्यादा दिन रहने का मौक़ा मिल जाए.  

क्या है पूरा मामला?  

टनाका साल 2019 में अंग्रेज़ी सीखने भारत आया था. यहां उसका कोचिंग सेंटर के प्रिंसिपल से किसी बात को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद टनाका पर मारपीट करने के आरोप में आर.टी. नगर पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर दर्ज हो गई. टनाका ने बताया कि वो एक रात पुलिस थाने में रहा था. बाद में कुछ दिन उसे जेल में भी रहना पड़ा. नवंबर 2020 में हाई कोर्ट ने एफ़आईआर को ख़ारिज कर दिया.   

हालांकि, टनाका ने आरोप लगाया कि ‘आरटी नगर थाने के एक पुलिसवाले ने मेरा सामान लौटने के लिए मुझसे रिश्वत मांगी थी.’ छात्र ने कोचिंग के मालिक पर भी गंभीर आरोप लगाए. उसने कहा, ‘कोचिंग के मालिक ने पुलिस को रिश्वत दी थी.’  

टनाका पर मारपीट का केस तो ख़त्म हो गया, लेकिन वो इस तरह बेइज़्ज़त होकर देश नहीं छोड़ना चाहता था. ऐसे में भारत में रहकर उस पुलिसवाले का पर्दाफ़ाश करने के लिए उसने एसीपी ऑफ़िस से कुर्सी चुरा ली, ताकि वो अरेस्ट हो जाए.   

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टनाका का कहना है, ‘मैं अरेस्ट होना चाहता था, ताकि मैं जेल में रहकर न्याया के लिए लड़ सकूं. जेल में कम से कम खाना ओर दवाएं तो फ्री में मिल जाएंगी.’  

बतौर पुलिस, एसीपी ऑफ़िस से कुर्सी चुराने के लिए टनाका के ख़िलाफ़ मामला दर्ज नहीं किया गया है. इसके पीछे पुलिस ने वजह बताई है कि वो पहले से ही पासपोर्ट अधिनियम और विदेश अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है. FRRO ने उसे अपने देश वापस जाने के लिए 28 फ़रवरी तक का समय दिया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. अब वो खुद को बुक करवाना चाहता है, ताकि वो यहां ज़्यादा दिन तक रह सके.