लॉकडाउन में अगर किसी को सबसे ज़्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है तो, वो हैं हमारे मज़दूर. ये ग़रीब मज़दूर दर-दर भूखे-प्यासे भटक रहे हैं, सिर्फ़ इस आस में की कोई इन्हें इनके घर पहुंचा देगा. कुछ ऐसे भी हैं जो पैदल ही अपने परिवार के साथ हज़ारों मील की दूरी तय कर रहे हैं. बड़े तो बड़े बच्चे भी इस दर्द से गुज़र रहे हैं. जब थक जाते हैं तो सूट केस पर सो जाते हैं और उनके मां-बाप उन्हें खींचते हुए कुछ दूरी तय कराते हैं. नहीं तो मां के कंधे पर सो जाते हैं. इन्हीं मासूमों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए झांसी पुलिस ने एक अनोखा कदम उठाया.

इसके चलते इन्होंने उत्तर प्रदेश -मध्य प्रदेश सीमा पर प्रवासी मज़दूरों के बच्चों को खिलौने बांटे. खिलौने बांटने का मक़सद बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना था, जिसमें ये पुलिस कामयाब रही.

झांसी के एसपी राहुल श्रीवास्तव ने कहा, 

उन्हें ख़ुश देखकर ख़ुशी हुई.

इतना ही नहीं झांसी पुलिस ने प्रवासी मज़दूरों के लिए टेंट भी बनाए हैं. इस पर एसपी ने कहा,

प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए हीट प्रूफ़ और वाटर प्रूफ़ टेंट बनाए गए हैं. ताकि चिलचिलाती गर्मी में इनके बच्चे और महिलाएं यहां आराम कर सकें क्योंकि इन मज़दूरों को हर सीमा पर घंटों इंतज़ार करना पड़ता है. इसलिए हम उन्हें खाने की चीज़ें भी दे रहे हैं. मगर हमने देखा बच्चों को खाने से ज़्यादा लगाव नहीं होता. तब हमने उन्हें खिलौने देने की सोची और वो खिलौने पाकर ख़ुश भी हुए. इसके अलावा बच्चों को खिलौने देने से वो चुप रहते हैं खेलते रहते हैं. इससे इनकी माताओं को भी थोड़ी देर आराम करने का मौक़ा मिल जाता है. 
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उन्होंने आगे कहा,

ये सभी प्रवासी मज़दूर और इनके परिवार वाले बहुत कष्टों से गुज़र रहे हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि जब ये अपने घर पहुंचे तो वो अपने साथ पुलिस और प्रशासन की अच्छी यादें लेकर जाएं.

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