न्यूज़ीलैंड एक ऐसा देश है, जो अपनी प्राकृतिक ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है. मौजूदा समय में ये देश अपनी पीएम जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की वजह से चर्चाओं में है. दरअसल, जैसिंडा अर्डर्न ने कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के चलते अपनी शादी रद्द कर दी है. उनकी शादी 23 जनवरी 2022 यानि बीते रविवार को होनी थी. लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के चलते उन्होंने ये फ़ैसला लिया है. साथ ही उन्होंने लोगों से इस जानलेवा वायरस के प्रति सावधानी बरतने की भी अपील की है.

39 साल की उम्र में न्यूज़ीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) इस आइलैंड देश की सबसे यंग प्रधानमंत्री और दुनिया के नेताओं में सबसे यंग फ़ीमेल लीडर हैं. कोरोना महामारी की दुनियाभर में मज़बूत जकड़ के बाद, जैसिंडा ने इस वायरस के कर्व को फ़्लैट करने के लिए की गई स्मार्ट लीडरशिप के लिए हर तरफ़ से तारीफ़ें बटोरी हैं. वो अपने बेबी को यूएन जनरल एसेंबली भी लेकर जा चुकी हैं. ये पहली बार नहीं है, जब न्यूज़ीलैंड की पीएम अपने मज़बूत फ़ैसले की वजह से सुर्ख़ियों में आई हैं. 

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Jacinda Ardern

यहां हम आपको विश्व मंच पर सुर्खियों में आने के लिए तैयार एक उभरते सितारे के द्वारा लिए गए ऐसे प्रगतिशील फ़ैसलों के बारे में बताएंगे, जिनसे दुनिया के हर नेता को सीख़ लेनी चाहिए. 

1. जब बकिंघम पैलेस में उन्होंने पहना था माओरी लबादा

प्रधानमंत्री के रूप में, Jacinda Ardern ने बार-बार कहा है कि वह सभी न्यूजीलैंड वासियों का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास करती हैं. साल 2018 में राष्ट्रमंडल प्रमुखों की सरकारी बैठक में माओरी लबादा पहनने का उनका निर्णय एक विशेष रूप से इस बात का परफ़ेक्ट उदाहरण था. लबादा यह प्रदर्शित करने का एक तरीका है कि अर्डर्न एक बहु-जातीय देश का प्रतिनिधित्व करती हैं और वह सभी न्यूज़ीलैंड वासियों के लिए काम कर रही हैं. 

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2. जब उन्होंने अपनी पसंद के बच्चे के नाम के साथ माओरी संस्कृति को श्रद्धांजलि दी 

21 जून 2018 को अपनी बेटी के जन्म के साथ जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) कार्यालय में जन्म देने वाली दूसरी निर्वाचित नेता बनी थीं. इसके बाद अर्डर्न तब लाइमलाइट में आईं, जब उन्होंने अपने बच्चे का नाम का नाम Neve Te Aroha रखा. इस नाम के ज़रिए उन्होंने माओरी संस्कृति को श्रद्धांजलि दी थी. ‘नेव’ आयरिश नाम ‘नियाम’ का अंग्रेजी संस्करण है, और ‘ते अरोहा’ का माओरी में अर्थ ‘प्यार’ होता है. ये न्यूज़ीलैंड की ऑफिशियल भाषाओं में से एक है.

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3. जब वो अपने बच्चे को UN में लेकर आईं

प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में अर्डर्न ने वर्किंग महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने और स्थितियों में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत की है. अपने तीन महीने के बच्चे को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में लाने का उनका निर्णय इस विचार से अलग नहीं था. उन्होंने इस बारे में अपने एक इंटरव्यू में कहा था, “इस बारे में खुले तौर पर बात करने से ये क़दम दूसरी महिलाओं के लिए रास्ता बना सकता है.”

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4. जब उन्होंने क्राइस्टचर्च आतंकवादी हमले में शामिल शूटर का नाम बताने से इनकार कर दिया

15 मार्च 2019 को न्यूज़ीलैंड एक भीषण आतंकवादी हमले से हिल गया था, जिसमें एक बंदूकधारी ने दो मस्जिदों में आग लगा दी थी. इस हमले में 51 लोग मारे गए थे. जबकि कोई भी नेतृत्व इस तरह की त्रासदी के दर्द को दूर नहीं कर सकता है, घटनाओं के बाद में अर्डर्न की कार्रवाई अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली थी. घटना से प्रभावित परिवारों और समुदायों के साथ मिलने और गले लगाने और एक सप्ताह तक दो मिनट का मौन आयोजित करने के साथ, अर्डर्न ने शूटिंग में शामिल बंदूकधारी का नाम कभी नहीं सामने रखने का फ़ैसला लिया था. 

5. जब उन्होंने क्राइस्टचर्च हमले के बाद बंदूक से जुड़े कानूनों में बदलाव किया

क्राइस्टचर्च आतंकी हमले के बाद जैसिंडा अर्डर्न के निर्णायक नेतृत्व ने न्यूज़ीलैंड के लोगों को सुरक्षित रख़ने के लिए देश के बंदूक से जुड़े कानूनों में तेज़ी से बदलाव किया. कानून में बदलाव के बाद संसद के एक संबोधन में उन्होंने कहा था, “इन हथियारों को मारने के लिए डिज़ाइन किया गया था. 15 मार्च को उन बंदूकधारियों ने भी ऐसा ही किया था.”

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6. जब उनकी सरकार भलाई पर आधारित संपूर्ण बजट को प्राथमिकता के रूप में पेश करने वाली पहली पश्चिमी सरकार बनी

कार्यालय में अपने पूरे समय में जैसिंडा अर्डर्न ने मानसिक स्वास्थ्य की बात करते हुए वास्तविक ठोस कार्रवाई की है और यह गंभीर रूप से प्रभावशाली है. उनके कल्याण बजट में मानसिक स्वास्थ्य खर्च के लिए 1.9 करोड़ न्यूज़ीलैंड डॉलर और फ्रंटलाइन मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए इसकी आधी राशि शामिल थी. 

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7. जब उन्होंने कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए वेतन में कटौती की

कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रण में रख़ने और हज़ारों लोगों की जान बचाने के साथ-साथ, अर्डर्न ने देश के सभी लोगों पर लॉकडाउन प्रतिबंधों के आर्थिक प्रभाव के बारे में भी जागरूकता दिखाई है. यहां तक 15 अप्रैल 2020 को उन्होंने  घोषणा की थी कि लोगों के संघर्षों का समर्थन दिखाने के लिए वो ख़ुद और उनकी सरकार के लोग अगले छह महीनों के लिए वेतन में 20% की कटौती करेंगे. 

8. जब उन्होंने स्कूलों में लड़कियों के लिए फ़्री Sanitary Pads का किया ऐलान

न्यूज़ीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने हमेशा महिलाओं के हित में फ़ैसले लिए हैं. एक ऐसा ही फ़ैसला उन्होंने फ़रवरी 2021 में लिया था. उन्होंने घोषणा की थी कि देश भर के सभी स्कूलों में छात्रों को एक मासिक किट मुफ़्त प्रदान की जाएगी. उन्होंने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि एक रिसर्च में पाया गया था कि गरीब लड़कियां सैनिटरी नैपकिन नहीं खरीद सकतीं, क्योंकि वे मासिक धर्म के दौरान स्कूल जाने का जोख़िम नहीं उठा सकती थीं. जेसिंडा ने कहा था कि नई योजना यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि मासिक मुद्दों के कारण लड़कियों की शिक्षा बाधित न हो. 

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न्यूज़ीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न का ये फ़ैसला वाकई दुनियाभर के लिए मिसाल है.