केरल में भी कोरोना वायरस का कहर जारी है. यहां क़रीब 2.5 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं. संकट की इस घड़ी में कोविड-19 के मरीजों को अस्पताल ले जाने और मृतकों का शव घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल रही है. एंबुलेंस की इसी किल्लत से निपटने के लिए बिज़नेसमैन ने अपने 15 टेंपो को एंबुलेंस में तब्दील करने के लिए राज्य सरकार को देने की पेशकश की है.

बात हो रही है कोच्चि के थ्रिक्करा इलाके में रहने वाले नजीब वेल्लक्कल की, जो ज़ैनुल ट्रेवल्स कंपनी के मालिक हैं. इनकी कंपनी किराए पर टेंपो चलाने को देती है. लेकिन कोरोना काल में  वर्क फ़्रॉम होम के चलते और लॉकडाउन के कारण उनका बिज़नेस ठप पड़ा है.

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एक दिन वो अपने कोरोना संक्रमित स्टॉफ़ के लिए एंबुलेंस तक अरेंज नहीं कर पाए. कोरोना से जब उसकी मृत्यु हो गई तो उसके शव को घर पहुंचाने के लिए भी कोई तैयार नहीं था. तब उन्होंने अपने एक टेंपो की सीटें हटाकर उसे एक एंबुलेंस में तब्दील कर दिया. इस हादसे ने उनकी दिल पर गहरी चोट पहुंचाई. वो सोचने लगे कि कोरोना के मरीज़ों को कितनी तकलीफ़ होती होगी. इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो अपने 15 टेंपो एंबुलेंस में तब्दील कर देंगे.

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‘एर्नाकुलम के मेयर ने एक वाहन को एंबुलेंस में तब्दील करने की बात कही थी. ये बात मेरे दिमाग़ में थी और मैं ख़ुद इस महामारी के दौरान लोगों की मदद करना चाहता था. इसलिए मैंने एक टेंपो को एंबुलेंस में कन्वर्ट कर दिया. उसकी सीट हटाकर, ड्राइवर के केबिन को प्लास्टिक की शीट से कवर करने, स्ट्रेचर को जोड़ने, ऑक्सीजन सिलेंडर और फ़र्स्ट एड किट लगाने में क़रीब 10 हज़ार रुपये का ख़र्च आया था.’

-नजीब

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नजीब ने अब राज्य सरकार को अपने 20 में से 15 टेंपो एंबुलेंस में कन्वर्ट करने की पेशकश दी है. उनका कहना है कि वो इन्हें कोरोना के मरीजों के लिए चलाएंगे. इनसे बस उतना ही पैसा लिया जाएगा जिससे डीजल और ड्राइवर का ख़र्च निकल सके. इनसे आप इस नंबर पर कॉल कर संपर्क कर सकते हैं-7907034416.

संकट की इस घड़ी में हमें नजीब जैसे लोगों की ही आवश्यकता है.