चाय के तो हम सभी शौक़ीन हैं. कभी भी हम चाय पीते हैं, तो कप या डिज़पोज़ल गिलास में ही पीते हैं. आजकल दुकानों पर कुल्हड़ का भी ट्रेंड फिर से शुरू हो चुका है. मगर ज़रा सोचिए, आप किसी दुकान पर चाय पी चुके हों, फिर दुकानदार आपसे कप भी खाने को बोले, तो कैसा लगेगा? 

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अजीब है न! मगर मध्य प्रदेश के शहडोल में ये इतना अजीब नहीं है. यहां चाय की एक ऐसी अनोखी दुकान है, जहां लोग चाय पीने के बाद कप भी बड़े मज़े से खा लेते हैं. 

अनोखी चाय की दुकान के पीछे है दो युवाओं का दिमाग़

शहडोल जिला मुख्यालय की मॉडल रोड की सड़क के किनारे बनी इस चाय की दुकान का नाम है ‘अल्हड़ कुल्हड़’ (Alhad Kulhad) . इसे शहर के ही रहने वाले दो दोस्तों रिंकू अरोरा और पीयूष कुशवाहा ने शुरू किया है. दोनों साथ के ही पढ़े हैं और ये उनका एक तरह का स्टार्टअप है. 

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यहां वो जिस कप में चाय देते हैं, उसमें चाय के पीने के बाद खा लिया जाता है. उन्होंने अपना स्लोगन भी दिया है- ‘चाय पियो, कप खा जाओ’ (Chai Piyo, Cup Kha Jao). मगर सवाल ये है कि कोई भला कप कैसे खा सकता है? बता दें, इस चाय की दुकान पर बिल्कुल खाया जा सकता है. 

दरअसल, ये कप कांच, चीनी मिट्टी या प्लास्टिक का नहीं, बल्कि बिस्किट वेफर का बना होता है. यही वजह है कि आप इनकी दुकान पर चाय पीने के बाद उस चाय वाले कप को खा भी सकते हैं. 

कमाल का है ये कॉन्सेप्ट

इन दो दोस्तों की ये चाय की दुकान कॉफी पॉपुलर हो रही है. लोग इसे अब वेफर कप चाय नाम से जानने लगे हैं. इस कप चाय की क़ीमत महज़ 20 रुपये है. इस कॉन्सेप्ट की सबसे अच्छी बात ये है कि लोग चाय पीने के बाद कप खा जाते हैं, तो इससे कचरा नहीं होता और न ही कप को धोने का ही झंझट रहता. 

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रिंकू अरोरा ने अपने इस कॉन्सेप्ट की खूबी बताते हुए कहा कि ‘हम बिस्किट के कप में चाय परोस रहे हैं. ये पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ शहर को कचरा मुक्त रखने में मदद करेगा.’

चाय भी कम टेस्टी नहीं

यहां की चाय भी टेस्टी होती है. क्योंकि जिन दो लड़कों ने ये स्टार्टअप शुरू किया है, वो इसके फ्लेवर ख़ुद बनाते हैं. इस वजह से इसका टेस्ट भी ख़ास है. सोशल मीडिया पर भी इस चाय की दुकान की काफ़ी चर्चा हो रही है. लोग अलग-अलग जगहोंं से अपनी फ़ैमिली के साथ यहां चाय की चुस्की लेने पहुंच रहे हैं.