दिल्ली कैपिटल्स एक आईपीएल टीम है जिसकी चर्चा IPL के टूर्नामेंट के आस-पास ही शुरू होती है. मगर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर इस टीम के ऑफ़शियल इंस्टा अकाउंट से #MainHoonNayiDilli कैंपेन के तहत दिल्ली की पहली फ़ीमेल बाउंसर की कहानी शेयर की है. इनकी कहानी जान आप दिल्ली कैपिटल्स की टीम को थैंक यू ज़रूर कहेंगे.

बात हो रही है दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाके में बाउंसर का काम करने वाली मेहरुन्निसा शौकत अली की. ये पिछले 10 साल से पुरुषों के दबदबे वाले इस प्रोफ़ेशन में हैं. ये दिल्ली की पहली फ़ीमेल बाउंसर हैं.

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मेहरुन्निसा यूपी के सहारनपुर ज़िले की रहने वाली हैं. इनकी 3 बहनें और 2 भाई हैं. कुछ साल पहले इनके पिता का बिज़नेस ठप हो जाने के चलते ये दिल्ली आईं थीं. तब घर चलाने की ज़िम्मेदारी मेहरुन्निसा के कंधों पर आ गई.

मेहरुन्निसा जो बचपन में पुलिस में जाने के ख़्वाब देखती थीं. जब उन्हें दिल्ली के एक क्लब में बाउंसर की नौकरी ऑफ़र हुई. तब उन्होंने घर वालों को समझा कर ये नौकरी कर ली. आज वो इस नौकरी के दम पर अपने परिवार का ख़्याल रख रही हैं. यही नहीं उनकी छोटी बहन तरन्नुम भी पास के ही एक क्लब में बाउंसर का काम करती हैं.

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वैसे मेहरुन्निसा के लिए शुरुआत में ये जॉब काफ़ी मुश्किल थी. उनके साथी पुरुष बाउंसर उन्हीं को छेड़ते थे और उनका मज़ाक उड़ाते थे. लेकिन उन्होंने भी उनका डंटकर सामना किया. आज वो नशे में धुत्त लोगों को संभालने में माहिर हो गई हैं. 

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रूढ़िवादी सोच के चलते कभी मेहरुन्निसा के पिता ने इन्हें पुलिस में भर्ती नहीं होने दिया था, आज वही अपनी बेटी पर नाज़ करते हैं. और तो और वो अपनी बेटी का उदाहरण देकर  दूसरी लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए कहते हैं. 

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मेहरुन्निसा प्रीति जिंटा, प्रियंका चोपड़ा, विद्या बालन जैसी एक्ट्रेस की सिक्योरिटी भी संभाल चुकी हैं. वो कहती हैं कि उन्हें ये काम करते हुए 10 से अधिक साल हो गए हैं. आज जब भी वो क्लब में एंटर करती हैं तो पुरुष उन्हें सम्मान के साथ देखते हैं और महिलाएं उनकी मौजूदगी में सेफ़ महसूस करती हैं.